शुरू हुई बड़ी स्वास्थ्य योजना 'मक्कलाई थेडी मारुथुवम', नहीं जाना पड़ेगा अस्पताल, घर पर ही मिलेगी दवाएं
इस उद्देश्य के लिए अनुमानित 25,000 स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया जाएगा।
इस स्वास्थ्य योजना को तमिलनाडु में शुरू किया गया है योजना का उद्देश्य लोगों के घरों में दवाएं पहुंचाना डायबिटीज मरीजों का रखा जाएगा विशेष ध्यान
कोरोना वायरस महामारी के बाद से स्वास्थ्य सुविधाएं सभी राज्य सरकारों के लिए प्राथमिक चिंता का विषय बन गया है। कई राज्यों में स्वास्थ्य सुविधाओं को आसान बनाने के लिए विभिन्न स्वास्थ्य योजनाएं शुरू की जा रही हैं। इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी राज्य में जल्द ही एक नई स्वास्थ्य योजना 'मक्कलाई थेडी मारुथुवम' (Makkalai Thedi Maruthuvam) शुरू करने की घोषणा की है।
स्वास्थ्य योजना मक्कलाई थेडी मारुथुवम क्या है ?
तमिलनाडु सरकार ने गैर-संचारी रोगों के इलाज के लिए मरीजों को अस्पतालों में जाने की आवश्यकता को समाप्त करने के उद्देश्य से एक 'डोरस्टेप हेल्थकेयर' स्कीम 'मक्कलाई थेडी मारुथुवम' शुरू करने की योजना बनाई है। इसे जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कृष्णागिरी जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस 'हेल्थकेयर एट डोरस्टेप' योजना का उद्घाटन करेंगे।
किन-किन जिलो में शुरू होगी डोरस्टेप हेल्थकेयर योजना
तमिलनाडु में डोरस्टेप हेल्थकेयर योजना के लॉन्च होने के तुरंत बाद चेन्नई और कोयंबटूर सहित राज्य के सात जिलों में एक साथ शुरू की जाएगी। इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य राज्य के 50 हेल्थ कवरेज ब्लॉकों में 1,172 हेल्थ सब सेंटर, 189 प्राइमरी हेल्थ सेंटर और 50 कम्युनिटी हेल्थ सेंटर लॉन्च करना है।
'मक्कलाई थेडी मारुथुवम' स्वास्थ्य योजना का उद्देश्य
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने पहल के बारे बात करते हुए कहा कि 'मक्कलई थेदी मारुथुवम' या डोरस्टेप हेल्थकेयर योजना का उद्देश्य न केवल नागरिकों के दरवाजे पर आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराना है, बल्कि चिकित्सा सेवाओं को उनके घरों तक पहुंचाना भी है।
डायबिटीज के मरीजों का रखा जाएगा विशेष ध्यान
बताया जा रहा है कि डोरस्टेप हेल्थकेयर योजना शुरू करने के बाद, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन व्यक्तिगत रूप से उन चिकित्सा आपूर्ति का जायजा लेंगे. इस योजना के तहत हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को उनके घरों पर ही दवाइयां भेजी जाएंगी।
घर पर मिलेगी फिजियोथेरेपी सर्विस
इसके अलावा उन मरीजों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा, जो बुजुर्ग हैं और जिन्हें फिजियोथेरेपी की आवश्यकता होती है। फिलहाल सात जिलों में योजना को लागू करने के लिए 1,264 स्वास्थ्य कार्यकर्ता, 50 फिजियोथेरेपिस्ट और 50 नर्सों को नियुक्त किया गया है।
25,000 स्वास्थ्य कर्मियों को किया जाएगा शामिल
बताया जा रहा है कि इस साल के अंत तक, सरकार राज्य भर में इस योजना को लागू करने की योजना बना रही है और इस उद्देश्य के लिए अनुमानित 25,000 स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया जाएगा।