औरंगजेब ने की ऐसी चालाकी कि बन नहीं पाया काला ताजमहल, जानिए पुरी कहानी

इसके बाद औरंगजेब ने दिमाग लगाया और कहा कि उसके पिता उसकी मां से बेपनाह प्यार करते थे और इस वजह से उन्होनें ताजमहल नहीं बनने दिया।

Update: 2022-05-23 04:07 GMT

ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इसके पास सैलानियों की भीड़ हमेशा लगी रहती है। इसे देखने के लिए देश और दुनिया से लोग आते हैं। ताजमहल को बनाने में उजले संगमरमर का उपयोग किया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ताजमहल को मुग़ल बादशाह शाहजहां ने अपने बेगम मुमताज महल की याद में बनाया था। आपने सफेद ताजमहल के बारे में तो जरुर सुना होगा पर क्या आप लोगों को काले ताजमहल की सच्चाई के बारे में पता है?

जी हां, एक और ताजमहल जिसका रंग काला है और शाहजहां ने अपनी वसीयत में इसका जिक्र किया है। दरअसल, यह काला ताजमहल केवल कल्पनाओं में ही बनकर रह गया।
इस ताजमहल को बनने से किसी और ने नहीं बल्कि शाहजहां के अपने बेटे औरंगजेब ने ही रोक दिया था।शाहजहां के वसीयत के मुताबिक काला ताजमहल काले संगमरमर का बना एक मकबरा है। जिसके बारे में कहा जाता है कि यूपी के यमुना नदी के दूसरी तरफ मौजूद ताजमहल के ठीक पीछे बनाया जाना था। शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज से कहा भी था कि वह उनके पास ही अपना मकबरा बनवाऐंगे।
औरंगजेब कितना क्रूर शासक था इसके बारे हर कोई जानता है। उसने अपने पिता के साथ भी क्रूरता की थी, और उसकी आखिरी इच्छा को नहीं पुरा नहीं होने दिया था।22 जनवरी साल 1666 को शाहजहां ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। इसके बाद विचार होने लगा कि उनके शव को कहां दफनाया जाएगा।
इसके बाद औरंगजेब ने इस्लामिक कायदों का हवाला देते हुए शाही उलेमाओं से विमर्श किया कि यदि वालिद कोई ऐसी वसीयत करे जो इस्लाम की रोशनी में सही ना हो, तो क्या करना चाहिए? इस पर उलेमाओं ने वसीयत को गलत बताया। इसके बाद औरंगजेब ने दिमाग लगाया और कहा कि उसके पिता उसकी मां से बेपनाह प्यार करते थे और इस वजह से उन्होनें ताजमहल नहीं बनने दिया।


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