सावधान! कहीं आप भी तो नहीं करते नहाते समय ये गलती

Update: 2023-06-26 16:03 GMT
जनता से रिश्ता वेबडेस्कयदि आप भी नग्न होकर नहाते हैं तो आप भी बहुत बड़ी गलती कर रहें हे। नहाते समय आपको अपने शरीर पर तौलिया या कोई अन्य वस्त्र लपेटना चाहिए। शायद आपको नहीं पता होगा। अगर आप यह जान लेंगे कि आखिर क्यों नग्न होकर स्नान नहीं करना चाहिए तो आप कहीं भी स्नान करें वस्त्र धारण करके ही स्नान करेंगे।
पुराणों में मनुष्य कल्याण के लिए स्नान करने के कुछ खास नियम बताए गए हैं। जिसका पालन न करने पर आप पाप के भागीदार बनते हैं। साथ ही सुख, संपत्ति, समृद्धि भी छिन जाती हैं। विष्णु पुराण के बारहवें अध्याय में बताया गया है कि मनुष्य के कभी भी निर्वस्त्र होकर नहीं नहाना चाहिए। नहाते समय शरीर पर एक कपड़ा जरुर होना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार नग्न होकर नहाने से पितृ दोष लगता है।
पद्मपुराण और श्रीमद्भागवत कथा में चीर हरण की कथा का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि गोपियां अपने वस्त्र उतारकर नहाने के लिए जल में उतर जाती थी। और भगवान श्री कृष्ण गोपियों के वस्त्र चुरा लेते थे और जब गोपियां के वस्त्र ढ़ूंढ़ने पर उन्हें अपने वस्त्र नहीं मिलते थे तो श्री कृष्ण कहते थे कि तुम्हारे वस्त्र वृक्ष पर हैं। पानी से निकल कर अपने वस्त्र ले लो,इस पर गोपियां निर्वस्त्र बाहर आने से इंनकार कर देती थी।
कान्हा गोपियों को निर्वस्त्र होकर स्नान करने पर मना करते थे। एक बार कृष्ण ने गोपियों को समझाते हुए कहा था कि निर्वस्त्र होकर स्नान करने से वरुण देवता (जल देवता) का अपमान होता है। शास्त्रों के अनुसार वातावरण में कई प्रकार के जीवन सूक्ष्म रूप में मौजूद रहते हैं, ऐसे में निर्वस्त्र होकर नहाने से दोष लगता है, जिससे व्यक्ति का सुख और धन नष्ट होने लगता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार नहाते समय आपके पितर यानी पूर्वज आपके आस-पास होते हैं और वस्त्रों से गिरने वाले जल को ग्रहण करते हैं जिनसें उनकी तृप्ति होती है। निर्वस्त्र स्नान करने से पितर अतृप्त होकर नाराज होते हैं जिनसे व्यक्ति का तेज, बल, धन और सुख नष्ट होता है। इसलिए कभी भी निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए।
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