अस्थमा के रोगी दवा लेते समय क्या ध्यान रखे ?
1. दवा : हमेशा डॉक्टर द्वारा दी हुई पुरी दवाई ले। अस्थमा मे दवाई हमेशा धीरे-धीरे कम कि जाती है। कभी भी बिना डॉक्टर को पूछे अपनी दवा अचानक से बंद न करे। अपनी इमरजेंसी दवा की एक अतिरिक्त खुराक हमेशा अपने साथ रखे ताकि अस्थमा अटैक के समय आपको उसे ढूँढना न पड़े।
2. जाँच : डॉक्टर द्वारा दी हुई दवाई खत्म हो जाने पर डॉक्टर द्वारा निर्देशित तारीख पर फिर सेजाँच कराने जाना चाहिये। अचानक दवा बंद करने से या डॉक्टर द्वारा बताये समय अनुसार दवा ना लेने पर अस्थमा दौरा फिरसे हो सकता है। डॉक्टर से कोई भी सवाल या समस्या पुछने से न डरें। कभी भी डॉक्टरी सलाह मशवरे के बिना स्वयं मेडिकल से कोई भी दवा ना ले।
3. अस्थमा इनहेलर : अस्थमा के रोगियों मे यह अंधविश्वास या मिथक है कि इनहेलर लेने से उनकी आदत पड़ जाती है जब कि असल मे अस्थमा कि चिकित्सा मे इनहेलर सबसे ज्यादा उपयोगी साबित होते है। इनहेलर को मुह में लगाकर दवा को साँस द्वारा अन्दर खींचने पर दवा सीधी और तुरंत फेफड़ों में श्वसन नलिका से पहुँचाती है और इस कारण इनहेलर ज्यादा असरदार साबित होते है। इनहेलर द्वारा दवा लेने पर दवा सीधी फेफड़ों में पहुँचने से इसकी खुराक (dose) भी कम लगती है। इनहेलर का इस्तेमाल करने वाले अस्थमा के रोगी को अस्पताल में दाखिल होने की कम ज़रूरत पड़ती है और साथ ही यह रोगी काम और स्कूल एवं कॉलेज में नियमित रूप से उपस्थित रहते है। एक बार अस्थमा नियंत्रण मे आ जाने पर इनहेलर का उपयोग धीरे-धीरे कम करके बंद कर सकते है।इसलिये इनहेलर लेने से ना घबराए। डॉक्टर या सिस्टर द्वारा इनहेलर लेने कि सही तरीका सिख ले जिससे दवा का नुकसान नही होगा।