क्या आप अपना खाना गलत तरीके से माइक्रोवेव में गर्म कर रहे हैं? जानें ये आसान तरीका
गर्म कर रहे हैं? जानें ये आसान तरीका
आपके घर में या आपके ऑफिस में माइक्रोवेव हो सकते हैं। इसमें आप नए तरह के पकवान या बेकिंग के साथ- साथ बासी खाने को गर्म कर के उपयोग में भी सकते हैं। अपने बचे हुए खाने को आप माइक्रोवेव-सेफ्टी कंटेनर में ज्यादा डाल देने के बजाय, आपको उन्हें एक रिंग में फैलाना चाहिए, इसके लिए बीच में काफी जगह छोड़नी होती है। यह ठंडे पैच और असमान गर्मी को रोक सकता है, जिससे आपको एक या दो मिनट में गरमा गरम भोजन आसानी से मिल सकता है।
माइक्रोवेव ओवन से कैसे चुटकी में कुकिंग किया जा सकता है?
असल में माइक्रोवेव ओवन के अंदर ट्यूब के जरिए से इलेक्ट्रॉन निकलता है, जिसे मैग्नेट्रॉन कहा जाता है। यह माइक्रोवेव ओवन के मेटल के अंदरूनी हिस्से में रिफ्लेक्ट होता है। यहां इलेक्ट्रॉन भोजन को ऑब्जर्व करता है। माइक्रोवेव भोजन में पानी के मॉलिक्यूल्स को वाइब्रेट करने में अहम भूमिका निभाता है, जिससे माइक्रोवेव में गर्मी पैदा होती है जो भोजन को पकाती है। इसीलिए जिन फूड मटेरियल में पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जैसे ताज़ी सब्जियाँ, उन्हें दूसरे किसी फूड मटेरियल की तुलना में ज्यादा तेजी से पकाया जा सकता है। भोजन के जरिए ऑब्जर्व होने पर माइक्रोवेव एनर्जी हिट में बदल जाती है, इससे भोजन को रेडियोएक्टिव या दूषित नहीं बनाती है। हालांकि, माइक्रोवेव में गर्मी सीधे भोजन में प्रोड्यूस होती है, माइक्रोवेव ओवन भोजन को अंदर से बाहर तक नहीं पकाते हैं।
जब हल्के फूड मटेरियल को पकाया जाता है, तो बाहरी परतों को गर्म किया जाता है और खास तौर से ऐसे पकवान को माइक्रोवेव से पकाया जाता है, जबकि किसी भारी पकवान के लिए अंदर की परत गर्म होने पर ही पकाया जा सकता है। फूड पकाने की तुलना में माइक्रोवेव में खाना पकाना ज्यादा एनर्जी की लागत हो सकती है क्योंकि आपका भोजन काफी तेजी से पकता है। क्योंकि, हीट केवल भोजन को गर्म करती है, पूरे ओवन के डिब्बे को नहीं।
क्या सावधानियां होनी चाहिए माइक्रोवेव में भोजन बनाने के?
माइक्रोवेव में भोजन पकाने में कांच, कागज, चीनी मिट्टी या प्लास्टिक के कंटेनरों का उपयोग किया जाता है क्योंकि माइक्रोवेव इन मटेरियल्स से होकर गुजरते हैं।
हालांकि ऐसे कंटेनरों को माइक्रोवेव के जरिए से गर्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन वे अंदर पक रहे भोजन की गर्मी से हीट हो सकते हैं।
ध्यान रहे, कुछ खास किस्म के प्लास्टिक के कंटेनरों का उपयोग माइक्रोवेव ओवन में नहीं करना चाहिए क्योंकि वे अंदर भोजन की गर्मी से पिघल भी सकते हैं।
आम तौर पर, माइक्रोवेव ओवन में मेटल के पैन या एल्यूमीनियम की पन्नी का भी उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि माइक्रोवेव इन मटेरियल्स से रिफ्लेक्ट होते हैं, जिससे भोजन असमान आकार से पकता है और ओवन को नुकसान पहुंच सकता है।
माइक्रोवेव में बने भोजन के ये नुकसान भी हैं?
कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि भोजन को बार-बार माइक्रोवेव में गर्म करने से उसका न्यूट्रिशन वैल्यू 60 से 90 परसेंट तक कम हो सकता है, जिससे हमारे शरीर को काफी नुकसान हो सकता है।
माइक्रोवेव में भोजन जल्दी गर्म हो जाता है, लेकिन भोजन में कुछ देर बाद ही बदलाव देखने को मिल सकते हैं जिससे आपके पाचन क्रिया में दिक्कत हो सकती है।
माइक्रोवेव से निकलने वाली रिफ्लेक्शन भोजन में ऐसे एजेंट बनाती हैं जो खून में कैंसर सेल्स को जन्म दे सकते हैं।
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