कोरोना के बाद हो रही है भूलने की बीमारी, ऐसे करें अपना बचाव

भूलने की बीमारी

Update: 2021-06-16 10:53 GMT

कोरोना संक्रमण ( Coronavirus) के बाद मरीजों को याददाश्त (Memory Loss) से जुड़ी परेशानियां भी हो रही हैं. वायरस को मात दे चुके कई लोगों को दिमागी रुप से कमजोरी और भूलने की बीमारी हो रही है. अलग-अलग अस्पतालों में सार्स-कोव-2 वायरस को मात देने वाले लोगों में याददाश्त संबंधी परेशानी सामने आ रही है. इनमें ज्यादातर सीनियर सिटीजन हैं जो गंभीर संक्रमण के चलते आईसीयू में भर्ती हुए हैं. हालांकि कई युवाओं को भी इस तरह की परेशानी से जूझना पड़ रहा है.

ऑक्सीजन की कमी से हो रही है परेशानी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सार्स-कोव-2 वायरस सबसे पहले फेफड़ों पर अटैक करता है. ऐसे में शरीर को पूरी तरह ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है. ऑक्सीजन का प्रवाह मस्तिष्क में कम होता है, जिससे याददाश्त से जुड़ी परेशानी हो सकती है. ये समस्या कोरोना से उबरने वाले गंभीर मरीजों में ज्यादा सामने आ रही है.
3 महीने तक ज्यादा व्यायाम न करें
डॉक्टर्स का कहना है कि लगभग महीने भर बाद लोगों में याददाश्त से जुड़ी परेशानी सामने आ रही है. कई लोगों की शिकायत है कि वो छोटी-छोटी बातें भूलने लगे हैं. मेडिकल की भाषा में इसे 'पोस्ट कोविड सिंड्रोम' कहा जाता है. आप एमआरआई से दिमाग को हुए नुकसान के बारे में जान सकते हैं. भूलने की इस बीमारी का इलाज और दवा दोनों है. लेकिन आपको एक बात का ध्यान रखना है कि शुरुआत में आपको करीब 3 महीने तक ज्यादा व्यायाम नहीं करना चाहिए.
हाइपॉक्सिक ब्रेन इंजरी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड की दूसरी लहर में मरीजों को भूलने की परेशानी ज्यादा हो रही है. इस कंडीशन को 'हाइपॉक्सिक ब्रेन इंजरी' कहते हैं. इसमें मरीज को उबरने में काफी वक्त लगता है. आपको बता दें कि पूरे शरीर को जितने ऑक्सीजन की जरूरत होती है, दिमाग को उसका 25 प्रतिशत ऑक्सीजन चाहिए होता है. अगर मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलता तो इससे दिमाग पर असर पड़ता है
युवाओं को भी हो रही है भूलने की समस्या
वैसे तो ऐसे मामले ज्यादा उम्र के लोगों में ही सामने आ रहे हैं. ऐसे सीनियर सिटीजन जो कोरोना से गंभीर रुप से प्रभावित हुए हैं और आईसीयू में रहे हैं. लेकिन कई ऐसे मरीज भी सामने आ चुके हैं जिनकी उम्र 35 से 40 साल के बीच है और उन्हें इस तरह की दक्कत हो रही है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना के बाद सिरदर्द, लकवा और मिर्गी का खतरा भी बढ़ जाता है. कई लोगों में स्वाद, सूंघने की क्षमता कम हो जाती है जिसका असर नींद पर भी पड़ सकता है

ये भी हो सकती हैं भूलने की वजह
-कोरोना वायरस से लड़ने के लिए प्रतिरोधक कोशिकाएं अति सक्रिय हो जाती हैं, जो कई बार दिमाग की स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती हैं.
-कई बार लोगों में दोबारा संक्रमित होने का डर रहता है जिससे अनिद्रा की शिकायत होती है. ऐसे लोगों की तंत्रिका तंत्र में कोशिकाओं पर असर पड़ता है.
भूलने की बीमारी से बचने के लिए क्या करें?
-सबसे जरूरी है कि आप रात में 8-9 घंटे की नींद जरूर लें.
-किसी भी डर और अफवाहों से दूर रहें, नकारात्मक बातों का असर दिमाग पर न होने दें.
-तनावमुक्त रहने के लिए योग-अध्यात्म का सहारा लें और खुश रहें.
-अपने खाने-पीने का ख्याल रखें. मिनिरल, प्रोटीन और विटामिन युक्त भोजन लें.
-धूम्रपान जैसे सिगरेट और शराब का सेवन करने से बचें.

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