Amla for Digestion: आयुर्वेद के अनुसार आंवले का नियमित रूप से सेवन करने से शरीर का वात, पित्त और कफ संतुलित होता है। इसमें भरपूर मात्रा में पॉलीफेनोल्स, विटामिन सी,ए, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम होता है। जिन लोगों को डाइजेशन से संबंधित समस्याएं हैं उन्हें मुख्य रूप से इसका सेवन करना चाहिए। ये त्वचा, बालों और हड्डियों के विकास में भी मदद करता है।
आंवले की कैंडी
आंवला कैंडी बच्चे और बूढ़े हर किसी को पसंद होती है। ये स्वाद में तो बेहतरीन होती ही है साथ ही ये खाना पचाने का काम बखूबी कर सकती हैं। इसे बनाना बेहद आसान है।
सामग्री:
– ½ किलो आंवला
– 250 ग्राम चीनी
– ½ चम्मच चाट मसाला और काला नमक
– ½ जीरा
– ¼ नमक
विधि:
आंवले को साफ करलें और कुकर में एक गिलास पानी डालकर 1-2 सीटी आने तक उबालें। आंवला ठंडा हो जाए तो उसे हल्का सूखने के लिए रख दें। फिर एक बर्तन में आंवला और चीनी डालकर उसे घुलने के लिए 3-4 दिन के लिए छोड़ दें। इससे आंवला चीनी को काफी मात्रा में एब्जॉर्ब कर लेगा। फिर आंवले को छानकर चीनी वाले पानी को अलग कर लें। आंवला को तेज धूप में 2-3 दिन तक सुखाएं और सूख जाने पर स्टोर कर लें।
आंवले का जूस
डाइजेशन के लिए आंवले का जूस बेहद फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है जो स्किन, बाल और इम्यूनिटी को मजबूत करता है।
सामग्री:
– 3-4 आंवला
– ½ चम्मच काला नमक
– 1 चम्मच गुड़ या शक्कर
– 1 गिलास पानी
एक गिलास गुनगुने पानी में आंवला के टुकड़े डालें और उसमें काला नमक और शक्कर डालकर मिक्सी में चला लें। जूस पूरी तरह से पिस जाने पर खाली पेट इस जूस का सेवन करें। इस जूस को खाली पेट पीने पर ही फायदा मिलता है।