टिनिया यूनगियम के कारण होनेवाला यह फंगल इंफ़ेक्शन है, जो पैर के अंगूठें समेत सभी उंगलियों को अपने गिरफ़्त में ले लेता है. हालांकि, पैर के अंगूठें के नाख़ूनों में फंगल इंफ़ेक्शन की संभावना अधिक रहती है, क्योंकि जूते की नमी भरी रहती है, जिससे फंगस को पनपने का सही जगह मिल जाती है. यह इंफ़ेक्शन होने पर पैर के अंगूठें के नाख़ून टूटने लगते हैं, उनका आकार और रंग में भी बदलाव आ जाता है, साथ ही ये बहुत ही डल दिखने लगते हैं. इस समस्या का इलाज करने के लिए यहां पर कुछ घरेलू उपचार बताए जा रहें, जिन्हें इस परेशानी में आप आज़मा सकते हैं.
प्रोबायोटिक्स
र हैं, जो दूसरे फंगस और रोगाणुओं के विकास और फैलन से में रोकने का काम करते हैं. प्रभावित जगह पर दही या कोई अन्य प्रोबायोटिक्स अच्छी तरह से लगाएं और इसे प्राकृतिक रूप से सूखने दें. बाद में, ठंडे पानी से धो लें. आप इस संक्रमण का उपचार बिना-मीठे और बिना स्वाद वाले प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स के साथ कर सकते हैं.
विक्स वेपोरब
यह टॉपिकल ऑइन्मेंट अपने एक्टिव इंग्रीडिएंट्स, जैसे कपूर, मेन्थॉल और नीलगिरी के तेल के कारण टो-नेल फंगस के उपचार में मदद करता है. कपूर और नीलगिरी का तेल इंफ़ेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारते हैं, जबकि मेन्थॉल इंफ़ेक्शन को बढ़ने से रोकने में मददगार होता है. एक कॉटन स्वैब का उपयोग करते हुए, दिन में कम से कम एक बार इंफ़ेक्टेड पैर की उंगलियों पर थोड़ी मात्रा में विक्स लगाएं.
नारियल का तेल
नारियल के तेल में मौजूद फ़ैटी एसिड कैप्रिलिक एसिड फंगल इंफ़ेक्शन को नष्ट कर देता है. कॉटन स्वैब की मदद से इंफ़ेक्टेड जगह पर तेल लगाएं और रात भर छोड़ दें. बिस्तर से लगकर कॉटन निकल ना जाए, इसके लिए आप एक जोड़ी ऊनी मोज़े पहन सकते हैं. कुछ हफ़्ते के लिए हर रात इस नुस्ख़े को आज़माएं.
लिस्ट्रीन
माउथवॉश में अल्कोहल सहित कई यौगिक होते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया और फंगस को दूर रखने के लिए एक अच्छा ऐंटीसेप्टिक बनते हैं. एक छोटे टब में 3-4 कप ठंडा पानी और एक चौथाई कप लिस्ट्रीन लें. इस घोल में पैरों को लगभग 30 मिनट तक भिगोएं रखें. बाद में इन्हें अच्छी तरह से सुखा लें. इसे बारिश के दिनों में आप रोज़ाना कर सकते हैं.
ऑरेंज़ ऑयल
orange oil इस तेल के ऐंटीफंगल गुण पैर के संक्रमित नाख़ूनों के इलाज में मदद करते हैं. संतरे के तेल के बराबर भागों को किसी भी कैरियर ऑयल जैसे टी ट्री ऑयल के साथ मिलाएं. एक ड्रॉपर की मदद से इसे संक्रमित पैर की उंगलियों के बीच और नीचे भी लगाएं. 30 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें. कुछ हफ़्तों तक दिन में तीन बार इसे ज़रूर लगाएं.