सरकार ने किसान की संपत्तियों की कुर्की पर रोक लगाने का किया फैसला, आत्महत्या

तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने बृहस्पतिवार को उस धान उत्पादक किसान की संपत्तियों की कुर्की पर रोक लगाने का फैसला किया, जिसने पिछले साल नवंबर में कुट्टनाड क्षेत्र में आर्थिक समस्याओं के कारण आत्महत्या कर ली थी। सूत्रों ने बताया कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) निगम के लिए केरल राज्य विकास निगम से लिए गए ऋण …

Update: 2024-01-11 08:59 GMT

तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने बृहस्पतिवार को उस धान उत्पादक किसान की संपत्तियों की कुर्की पर रोक लगाने का फैसला किया, जिसने पिछले साल नवंबर में कुट्टनाड क्षेत्र में आर्थिक समस्याओं के कारण आत्महत्या कर ली थी।

सूत्रों ने बताया कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) निगम के लिए केरल राज्य विकास निगम से लिए गए ऋण का भुगतान बकाया था और इसलिए उनके परिवार को हाल में उनके घर की कुर्की के लिए नोटिस भेजा गया था।

अनुसार एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री के. राधाकृष्णन ने हालांकि मामले में हस्तक्षेप किया और कुर्की प्रक्रिया को रोकने का फैसला किया।बयान के अनुसार मंत्री ने निगम को परिवार को अधिकतम छूट देकर ऋण का निपटान करने का निर्देश दिया।

इसमें कहा गया है कि राधाकृष्णन ने इस परिवार की परिस्थितियों को समझे बिना उन्हें नोटिस जारी करने पर संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट भी मांगी।के. जी. प्रसाद नामक किसान ने पिछले साल निगम से 60 हजार रुपये का कर्ज लिया था।

बयान के अनुसार मंत्री के निर्देशानुसार, निगम अधिकारियों ने किसान के घर जाकर उसके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी।प्रसाद द्वारा कथित तौर पर लिखा सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वाम सरकार तथा कुछ बैंक उसकी मौत के लिये जिम्मेदार हैं। इस पत्र के सामने आने के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था।

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