Jharkhand : हिट एंड रन कानून के विरोध में वाहनों के पहिए थमे, झारखंड में हड़ताल का भारी असर

रांची : केंद्र सरकार के द्वारा हिट एंड रन कानून में सजा को सख्त किए जाने के विरोध में वाहन चालक विरोध प्रदर्शन कर रहे है. इस हड़ताल का आज दूसरा दिन है.इस कानून को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. झारखंड में भी पहले दिन यानि एक जनवरी को हड़ताल …

Update: 2024-01-01 23:34 GMT

रांची : केंद्र सरकार के द्वारा हिट एंड रन कानून में सजा को सख्त किए जाने के विरोध में वाहन चालक विरोध प्रदर्शन कर रहे है. इस हड़ताल का आज दूसरा दिन है.इस कानून को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. झारखंड में भी पहले दिन यानि एक जनवरी को हड़ताल का असर देखने को मिला.राजधानी रांची के बिरसा मुंडा बस टर्मिनल में ज्यादातर बस का परिचालन ठप है. कई ऐसी बसें है जिसे खादगढ़ा बस स्टैंड पहुंचना था लेकिन रास्तों में आंदोलनकारी ने उन बसों को रोक कर रखा है. जिसके वजह से यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी है. वहीं वाहन चालक लगातार केंद्र सरकार की इस कानून का विरोध कर रहे है.आंदोलनकारी केंद्र सरकार से कानून वापस लेने की मांग कर रहे है. इस आंदोलन में सबसे ज्यादा प्रभावित बंगाल, बिहार और युपी से रांची आने वाली बसें है.अधिकतर जिलों में बसों के पहिए थमे हुए हैं.

बढ़ सकती है महंगाई
हिट एंड रन कानून में सजा को सख्त किए जाने का विरोध पुरे प्रदेश में हो रहा है. वहीं परिवहन के रुकने से महंगाई भी बढ़ सकती है.कच्चा माल के आवागमन पर इस हड़ताल का असर दिख सकता है. वहीं पेट्रोल पंपों पर डीजल और पेट्रोल की भी कमी हो सकती है.

क्या है ड्राइवरों का कहना
ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि जानबूझकर कोई भी चालक दुर्घटना नहीं करता है. इस नए कानून को लागू करने से ड्राइवरों को डर है कि अगर वो घायलों को अस्पताल ले जाने की कोशिश करेंगे तो उन्हें भीड़ के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में उनलोगों को जान का खतरा भी हो सकता है. इसलिए सारे चालक इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

क्या है हिट एंड रन कानून
आपको बता दें कि सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा 'हिट एंड रन' कानून में बदलाव किया गया है.भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 10 साल तक कैद और 7 लाख रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान है.

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