Vidhansabha सत्र से पहले गरमाने लगा माहौल
Dharmashaala। विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय का मुद्दा पूरी तरह से गर्मा गया है। अब जनता सवाल उठाने लगी है कि धर्मशाला के जदरांगल में बनने वाले कैंपस के लिए 250 करोड़ पर किसकी नजर है। आखिर 30 करोड़ के चक्कर में 250 करोड़ रुपए की इस बड़ी एवं महत्त्वाकांक्षी …
Dharmashaala। विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय का मुद्दा पूरी तरह से गर्मा गया है। अब जनता सवाल उठाने लगी है कि धर्मशाला के जदरांगल में बनने वाले कैंपस के लिए 250 करोड़ पर किसकी नजर है। आखिर 30 करोड़ के चक्कर में 250 करोड़ रुपए की इस बड़ी एवं महत्त्वाकांक्षी परियोजना में कौन अधिकारी व नेता अडंग़ा अटका रहा है। कांगड़ा जिला की जनता के बीच चर्चा बने इस मुद्दे को विपक्षी दल भाजपा भी खूब भुना रही है। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के धर्मशाला कैंपस का मुद्दा इन दिनों खूब गर्माया हुआ है। आम जनता से लेकर विपक्ष तक इस बड़ी एवं महत्त्वाकांक्षी परियोजना पर सरकार को घेर रहा है।
इसके तहत देहरा की तर्ज पर धर्मशाला में भी 250 करोड़ से भवन निर्माण का काम शुरू होना था, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा 30 करोड़ रुपए जमा न करवाने के कारण मामला लटक गया है। हालांकि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने जून माह में क्लीयरेंस दे दी थी। ऐसे में अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। धर्मशाला परिसर का शिलान्यास मां चामुंडा मंदिर के निकट मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उस समय के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और कांगड़ा चंबा के सांसद शांता कुमार की मौजूदगी में किया था। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि न तो भाजपा सरकार यह प्रोजेक्ट सिरे चढ़ पाई और न ही कांग्रेस सरकार इस बड़े मुद्दे पर गंभीरता दिखा रही है। क्षेत्र की समाजसेवी संस्थाओं सहित छात्र संगठन व आम आदमी अब लगातार इस मुद्दे पर चर्चा कर रहा है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय पर प्रदेश सरकार के रवैये को विपक्षी दल भाजपा ने भी अब बड़ा मुद्दा बना दिया है। मंगलवार को धर्मशाला में आक्रोश रैली में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के मु्द्दे पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर तीखा हमला किया। ऐसे में आने वाले लोकसभा चुनावों में भी कांगड़ा चंबा के युवाओं से जुड़ा यह मुद्दा खूब गरमाने वाला है। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालय पर दिए गए बयान में उन्होंने नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि क्या उनके रहते यह परियोजना सिरे चढ़ जाएगी। इतना ही नहीं, वह कई वार इस मु्ददे को उठा चुके हैं और इस परियोजना पर काम न होने से खासे आहत हैं। क्षेत्र की करीब एक दर्जन से अधिक समाजसेवी संस्थाएं, जन चेतना संस्था के साथ मिलकर इस मुद्दे को उठा रही हैं, लेकिन लगातार आंदोलन और सरकार के समक्ष पक्ष रखने पर भी कोई बात न बनने से लोगों में खासी नाराजगी है।