Delhi Election 2025: चुनाव में इस बार कौन सुलझाएगा सीमापुरी का समीकरण
इस सीट ने दिल्ली की तीनों पार्टी को मौका दिया
दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली की सीमापुरी विधानसभा सीट मौजूदा समय में खाली है। इस सीट पर आप के टिकट से चुनाव जीत कर आए राजेंद्र पाल गौतम सरकार में मंत्री बने, लेकिन विवादित शपथ के बाद हाशिये पर चले गए। इस सीट ने दिल्ली की तीनों पार्टी को मौका दिया। दिल्ली की सियासत में आप की इंट्री से पहले तीन बार इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है, जबकि पहली बार भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। साल 2013 के बाद से यह सीट आप के पास हैं।
वर्ष 1993 में अस्तित्व में आई सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा गरीब तबके के लोगों का है। विधानसभा के सुंदर नगरी, नई सीमापुरी, नंद नगरी, खेड़ा गांव, ताहिरपुर, जगतपुरी, दिलशाह गार्डन जनता फ्लैट सहित दूसरे इलाके आते हैं। साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद क्षेत्र बदला में दूसरे विधानसभा का हिस्सा जोड़ा गया। जबकि विधानसभा का कुछ हिस्सा काटा गया। मौजूदा समय में हर्ष विहार जो अभी गोकलपुर विधानसभा में हैं वह सीमापुरी का हिस्सा हुआ करता था। वहीं गोकलपुरी का नंद नगरी क्षेत्र को सीमापुरी में जोड़ दिया गया है।
2013 से आप का रहा कब्जा
साल 2013 में इस सीट पर आप का कब्जा रहा है। तीनों बार इस सीट पर आप को एकतरफा मत मिला। पिछले दो बार 60 फीसदी से ज्यादा वोट आप को मिला। वहीं केवल दो बार विजेता कुल मतों का 40 फीसदी वोट हासिल कर पाए थे।
तीन में से दो पर आप का कब्जा
विधानसभा में तीन निगम की सीट हैं और इनमें से दो सीट पर आप का कब्जा है। एक सीट पर भाजपा के पार्षद हैं। सीमापुरी के नंद नगरी वार्ड से आप के रमेश कुमार बिसैया, सुंदर नगरी वार्ड से आप की मोहिनी और दिलशाद गार्डन वार्ड से भाजपा के वीर सिंह पवार पार्षद हैं।
1993 से अब तक सीट का सियासी सफर
वर्ष जीते (पार्टी) हारे (पार्टी)
1993 बलबीर सिंह (भाजपा) गिरि लाल (कांग्रेस)
1998 वीर सिंह धींगान (कांग्रेस) चंद्रपाल सिंह (भाजपा)
2003 वीर सिंह धींगान (कांग्रेस) कमला (भाजपा)
2008 वीर सिंह धींगान (कांग्रेस) चन्द्र पाल सिंह भाजपा
2013 धर्मेंद्र सिंह (आप) वीर सिंह धींगान (कांग्रेस)
2015 राजेंद्र पाल गौतम (आप) कर्मवीर (भाजपा)
2020 राजेंद्र पाल गौतम (आप) संत लाल (लोजपा)
क्षेत्र में पीने की पानी की समस्या है। अधिकतर समय गंदे पानी की सप्लाई होती है। कई बार पीने के लिए पानी खरीदना तक पड़ जाता है।
- राम कुमार
क्षेत्र में सड़के व गलियां टूटी हुई हैं। इन सड़कों को बनवाने के लिए कई बार प्रयास किया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हो पाया।
- योगेश कुमार
क्षेत्र के आसपास की कॉलोनियों में सीवर की लाइन डालने के लिए गलियां खोदी गई थीं, लेकिन अभी तक काम नहीं हो पाया है।
- राजेश कुमार
क्षेत्र में बच्चों के पढ़ने के लिए उपयुक्त जगह या पुस्तकालय ही नहीं है। कई बार पुस्तकालय के लिए मांग भी रखी लेकिन कोई फायदा नहीं हो पाया।
-पिंटू चौरसिया