पीपीपी से ऑटो मोड से बनी 1198 लोगों की पेंशन: उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा

नूंह। उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि जिला में परिवार पहचान पत्र के माध्यम से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना से संबंधित 693 व विधवा पेंशन के 171, दिव्यांग पेंशन के 163, निराश्रित बच्चों को वित्तीय सहायता से संबंधित 59, लाडली योजना के एक, स्कूल न जाने वाले 2 बच्चों, विधुर व अविवाहित पेंशन से संबंधित …

Update: 2024-01-15 08:31 GMT

नूंह। उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि जिला में परिवार पहचान पत्र के माध्यम से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना से संबंधित 693 व विधवा पेंशन के 171, दिव्यांग पेंशन के 163, निराश्रित बच्चों को वित्तीय सहायता से संबंधित 59, लाडली योजना के एक, स्कूल न जाने वाले 2 बच्चों, विधुर व अविवाहित पेंशन से संबंधित 109 लाभपात्रों की घर बैठे स्वत: ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन बनी हैं।

उन्होंने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन व दिव्यांग पेंशन योजना को परिवार पहचान पत्र से जोड़ने के बाद अब बुजुर्गों व दिव्यांगजनों को भी राहत मिली है। उन्हें अब इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। अब किसी भी बुजुर्ग व दिव्यांगजन को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता व दिव्यांग पेंशन प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की कोई आवश्यकता नहीं है। जिला नूंह में अबतक 1198 पात्र लोगों की पेंशन पीपीपी के माध्यम से बन चुकी है। समाज कल्याण विभाग द्वारा जिला के बुजुर्गों को प्रतिमाह 2750 रुपये प्रदान की जा रही है जोकि माह जनवरी 2024 की पेंशन राशि बढक़र तीन हजार रुपये के हिसाब से वृद्धावस्था सम्मान पेंशन व दिव्यांग पेंशन के रूप में उनके खातों में भेजी जा रही हैं। इस बढ़ी हुई राशि का लाभ पेंशन धारकों को माह फरवरी में मिलने वाली पेंशन में प्राप्त होगा।

परिवार पहचान पत्र ने लोगों को कार्यालयों के चक्कर लगाने के झंझट से दिलाई मुक्ति

उपायुक्त धीरेन्द्र खडग़टा ने बताया कि सरकार द्वारा प्रदेश में लागू किए गए परिवार पहचान पत्र ने प्रदेश के लोगों को पेंशन चालू कराने के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाने के झंझट से मुक्ति दिलाने का कार्य किया है। परिवार पहचान पत्र के अनुसार जिनकी उम्र 60 साल हो गई है और जिनकी पति-पत्नी की सालाना इनकम 3 लाख रुपए से कम हैं, उनका डाटा क्रीड की तरफ से ऑटोमेटिक तरीके से सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट को भेज दिया जाता है। परिवार पहचान पत्र में जैसे ही बुजुर्ग की उम्र 60 वर्ष होती हैं, उसी समय विभाग को क्रीड की ओर से सूचना मिल जाती है। इसके बाद विभाग संबंधित लाभार्थी के पास जाकर उसकी सहमति लेता हैं, यदि वह सहमति देता है तो उसके बाद पेंशन शुरू कर दी जाती है।

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