वाजिद की पत्नी कमलरुख पहुंचीं बॉम्बे हाईकोर्ट, संपत्ति हड़पने का साजिद पर लगया आरोप
वाजिद के नाम पर है करोड़ों की प्रॉपर्टी
मशहूर म्यूजिक कंपोजर साजिद-वाजिद की जोड़ी वाजिद खान के निधन के बाद टूट गई थी. 31 मई 2020 को वाजिद का निधन हो गया था. उन्हेंं किडनी समेत कई गंभीर बीमारियां थीं.
उनका मौत के बाद परिवार में भी फूट पड़ती नजर आई जब वाजिद की पत्नी कमलरुख ने आरोप लगाया था कि धर्म परिवर्तन के बाद उन्होंने वाजिद से शादी की थी लेकिन उनके परिवार से कमलरुख को वो सम्मान नहीं दिया जिसकी वो हकदार थीं.
संपत्ति का है विवाद
खबर है कि अब वाजिद की पत्नी कमलरुख ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है जिसमें उन्होंने साजिद पर संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया है. याचिका में कहा गया है कि वाजिद ने 2012 में अपनी वसीयत लिखी थी जिसमें कमलरुख और उनके बच्चों को अकेला वारिस बनाया था. इसलिए उनकी संपत्ति में से साजिद और उनकी मां का नाम तीसरी पार्टी के तौर पर हटाया जाए.
वाजिद के नाम पर है करोड़ों की प्रॉपर्टी
अपनी याचिका में कमलरुख ने कहा है कि दोनों भाइयों ने अपने करियर में काफी पैसा कमाया. साथ में और अलग भी दोनों ने काफी प्रॉपर्टी बनाई. ऐसे में उन्हें वाजिद की संपत्ति में हक दिलावाया जाए.
2003 में हुई थी शादी
कलमरुख की वाजिद से 2003 में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी हुई थी. उनका दावा है कि वाजिद के परिवार ने उन्हें और उनके बच्चों को कभी भी परिवार का हिस्सा नहीं माना. 2014 में वाजिद ने तलाक की अर्जी कोर्ट में दी थी. 2017 में दोनों के बीच तलाक की शर्तों पर सहमति भी बन गई थी लेकिन कागजों पर तलाक नहीं हो सका और इससे पहले ही वाजिद ने दुनिया को अलविदा कह दिया.
23 अप्रैल को अगली सुनवाई
कोर्ट में याचिका की सुनवाई के दौरान वकीलों ने कोर्ट को बताया कि कमलरुख पारसी समुदाय से थीं उन्होंने वाजिद के साथ शादी करने के बाद अपना धर्म परिवर्तन नहीं किया था. जिसकी वजह से परिवार ने उन्हें अपनाने से इनकार कर दिया था. अपनी मां की खुशी के लिए वाजिद ने तलाक की अर्जी दाखिल की थी लेकिन इस पर कोई फैसला होता उससे पहले ही उनका इंतकाल हो गया. जिस घर में फिलहाल कमलरुख रहती हैं उस घर का मालिकाना हक उन्हें नहीं दिया जा सकता क्योंकि वो कानूनी रूप से उनकी पत्नी नहीं हैं. साजिद ने सोसायटी को संपत्ति कमलरुख को न देने की अर्जी दी है.
इसके बाद कमलरुख हाईकोर्ट की शरण में गई हैं. जिस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 23 अप्रैल की डेट दी है.