Barsana के राधा रानी मंदिर से जुड़े हैं ये इंटरेस्टिंग फैक्ट्स

Update: 2024-09-01 09:07 GMT

Lifetyle.लाइफस्टाइल: उत्तर प्रदेश के बरसाना में स्थित राधा रानी का मंदिर भी एक खास हिन्दू धार्मिक स्थल है। यहां सालभर भक्त दर्शन के लिए आते हैं। राधा-रानी का जन्म जन्माष्टमी के 15 दिन बाद भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को हुआ था। इसलिए बरसाना के लोगों के लिए यह जगह और दिन बहुत खास है। इस दिन राधा रानी के मंदिर को फूलों से सजाया जाता है। राधा रानी को छप्पन प्रकार के भोग परोसे जाते हैं। इस साल राधा अष्टमी 11 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन से पहले जानिए, बरसाना के राधा रानी मंदिर से जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स के बारे में।

क्या आपको पता है मंदिर का इतिहास?
राधा रानी मंदिर लगभग 5000 साल पहले राजा वज्रनाभ द्वारा स्थापित किया गया था। मंदिर के निर्माण के लिए लाल और सफेद पत्थरों का इस्तेमाल किया गया, जो राधा और श्री कृष्ण के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। राधा रानी मंदिर एक पहाड़ी पर है, जिसकी ऊंचाई लगभग 250 मीटर है।
ब्रह्मा पहाड़ी और विष्णु पहाड़ी पर है मंदिर
बरसाना दो पहाड़ियों पर बना है जो एक दूसरे के पास है। ब्रह्मा हिल लंबी-सफेद रंग की पहाड़ी का नाम है, जबकि विष्णु हिल गहरे रंग की पहाड़ी का नाम है। पद्म पुराण के अनुसार, देवी राधा रानी ​​​​
भगवान
कृष्ण और उनके भक्तों के चरण कमलों की धूल अपने सिर पर पाने के लिए भगवान ब्रह्मा ने बरसाना में इन पहाड़ियों का आकार लिया। इन पहाड़ियों के चार शिखर हैं- भानगढ़, मानगढ़, दानगढ़ और विलासगढ़। इनमें से हर शिखर भगवान ब्रह्मा के एक सिर का प्रतिनिधित्व करता है। जबकि शेष तीन शिखर ब्रह्मा पहाड़ी पर स्थित हैं, विलासगढ़ विष्णु पहाड़ी पर स्थित है।
त्योहारों पर होती है अलग धूम
राधा अष्टमी और कृष्ण जन्माष्टमी यानी राधा और कृष्ण के जन्मदिन पर इस मंदिर में खास तौर पर सेलिब्रेशन किया जाता है। इन दोनों दिनों में मंदिर को फूलों और लाइटों से सजाया जाता है। इस दिन देवताओं को नए कपड़े और गहनें पहनाए जाते हैं। फिर आरती के बाद 56 प्रकार के चीजें चढ़ाई जाती हैं।
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