Mumbai: Bollywood की फेमस संगीतकार जोड़ी मनमीत सिंह और हरमीत सिंह का सफरनामा किसी फिल्मी पटकथा-सा है। ग्वालियर से लेकर मुंबई तक के सफर में बहुत उतार-चढ़ाव रहे। अभिभावकों की इच्छा भी भिन्न-भिन्न रही है। मीत ब्रदर्स यूं तो मुंबई में फिल्मी हीरो बनना चाहते थे, लेकिन बन गए सुर और साज के शहंशाह। यह तो वाहे गुरु की कृपा है, बिना संगीत की शिक्षा के बुलंदियां छू रहे हैं। यूं तो रिश्ते में दोनों छोटे-बड़े सगे भाई हैं, लेकिन एक-दूसरे के प्रति समर्पण बेमिसाल है। मीत ब्रदर्स यह भी मानते हैं, पेशे में हमारे बीच एमओयू साइन है। वे अपनी आवाज में पंजाब की मिट्टी की सौंधी-सौंधी खुशबू का अहसास करते और कराते हैं।
बेबीडॉल गर्ल सनी लियोन मिष्ठी दोई सरीखी
फिल्म फेयर पुरस्कार विजेता मीत ब्रदर्स- मनमीत सिंह और हरमीत सिंह बेहिचक स्वीकारते हैं कि सनी लियोन हमारी टीम की एक अहम कड़ी है। कहते हैं, हमारी किस्मत एक-दूसरे से जुड़ी है। जैसे ही हम साथ आए, गाने सुपरहिट होने लगे। सच्चाई यह है, अब अगर कोई सनी को कास्ट करना चाहता है तो वह हमें ही ढूंढता है। यह हमारी बीच बांडिंग का ही प्रतिफल है, सनी के आने वाले सभी गाने हम ही कंपोज कर रहे हैं। मीत ब्रदर्स मानते हैं, यूथ को मसाला चाहिए। सनी लियोन कोई डाइट फूड नहीं है, बल्कि नमक, तड़का और मिर्च की मानिंद है। खूबसूरत है। मेहनती है। इंटरनेशनल फिगर है। बहुत प्रोफेशनल है। मीत ब्रदर्स कहते हैं, क्या हम सनी को हॉट पाते हैं। नहीं... नहीं.... वह बहुत स्वीट है। वह मिष्ठी दोई है। उल्लेखनीय है, यह बंगाल का एक पारंपारिक मीठा दही है। यह दूध और चीनी या गुड से तैयार किया जाता है।
हमारी बीट्स उछाल भरी हैं तो धुनें खुशनुमा
पॉप सिंगर- हनी सिंह और बादशाह हमारे कतई प्रतिद्वंदी नहीं है। हन्नी हमारा अच्छा दोस्त ही नहीं, बल्कि भाई है। हमने बॉस में एक गाना साथ में किया है। हन्नी की एक अलग शैली है, जिसका हम दिल की गहराइयों से सम्मान करते हैं। हम बहुमुखी हैं। पंजाबी हैं। बॉलीं, ठुमरी, सूफी सबकुछ करते हैं। हम संगीत के जरिए दुनिया में प्यार फैलाने में विश्वास करते हैं। हमारा संगीत खुशनुमा है। हम पंजाबी हैं, इसीलिए बीट उछाल भरी है। धुनें खुशनुमा हैं। दुनिया में कोई भी संगीत प्रेमी सुबह उठते ही दुःख भरा गाना नहीं सुनना चाहता, लेकिन आप दिन में कभी भी बेबीडॉल सुन सकते हैं। हम ऐसे लोगों के लिए संगीत बना रहे हैं, जो जटिल संगीत को नहीं समझ पाते हैं। हमारी धुनें कविता की मानिंद हैं, जिन्हें एक बच्चा भी समझ सकता है।
मां और पिता की चाह थी एक-दूसरे से दीगर
मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले मीत ब्रदर्स पंजाबी भाई हैं। इनकी शुरूआती शिक्षा सिंधिया कन्या विद्यालय में हुईं। इसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए मुंबई चले गए। दोनों भाइयों ने अपनी ग्रेजुएशन मुंबई में पूरी की। मां निम्मी गुलजार की इच्छा थी कि दोनों भाई मुंबई जाकर नाम कमाएं, लेकिन पिता गुलजार सिंह की चाहत थी कि शिक्षा पूूरी करने के बाद दोनों बेटे पारिवारिक कारोबार संभालें। फिल्मों में कदम रखने के लिए मनमीत सिंह और हरमीत सिंह ने एक्टिंग को चुना। एकल गाने जोगी सिंह बरनाला सिंह की सफलता के बाद मीत ब्रदर्स ने एक्टिंग का मोह छोड़कर संगीत की दुनिया में जाने का फैसला किया और इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में संगीत निर्देशक के तौर पर काम किया। ख़ास बात यह है, दोनों भाई ने संगीत की औपचारिक शिक्षा ग्रहण नहीं की है।
मीत ब्रदर्स के नाम के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प
मीत ब्रदर्स के नाम के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। कहते हैं ना नाम ही काफी है। कॉलेज टाइम में मनमीत सिंह और हरमीत सिंह के दिमाग में कौंधने लगा था कि अपनी इस जोड़ी का क्या नाम रखा जाए? करीब 16 नामों पर माथापच्ची हुई। जैसे- तंदूरी ब्रदर्स, बैंड ऑफ ब्वायज़, बैंड ऑफ ब्रदर्स, भांगड़ा, ब्रदर्स, पंजाबी ब्रदर्स आदि को शॉटलिस्ट किया। अंततः उन्होंने अपने नामों- मनमीत और हरमीत के आखिरी हिस्से को मिलाकर मीत ब्रदर्स का नाम दिया। उन्होंने खुद का रिकॉर्डिंग स्टुडियो खोला, जिसका नाम मीत ब्रोस रिकॉर्डिंग स्टूडियो रखा। इनके गाए- पिंक लिप्स, हैंगओवर, पार्टी तो बनती है, चिट्टियां कलाइयां जैसे गीत हिट हुए और युवाओं के बीच में उनकी एक विशेष पहचान बन गयी। अब मीत ब्रदर्स देश-विदेश मे बडे़-बड़े कॉन्सर्ट करते हैं। फिल्म फेयर अवार्ड सरीखा बड़ा पुरस्कार भी इनकी झोली में हैं।
टाइगर फेम सलमान को दिया बतौर सिंगर डेब्यू मौका
बॉलीवुड के टाइगर फेम सलमान खान को बतौर सिंगर डेब्यू करने का श्रेय मीत ब्रदर्स को जाता है। किक फिल्म के जाने-माने गाने हैंगओवर सुनने के बाद सलमान खान ने कहा, ये तो मैं ही गाऊंगा और किसी को गाने नहीं दूंगा। 2014 में अपने 25 साल के करियर में उन्होंने पहली बार कोई गाना गाया। मीत ब्रदर्स का गर्व से मानना है, बॉलीवुड के मशहूर संगीतकारों के साथ काम करने के बाद भी अगर खान ने हमारे साथ बतौर गायक डेब्यू किया तो यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात है। उन्होंने इस गाने को परफेक्ट बनाने के लिए तीन दिनों तक कड़ी मेहनत की। हैं। वे हर लाइन को अलग-अलग स्टाइल में 100-150 बार गाते थे, क्योंकि उन्हें अपनी पिच परफेक्ट करनी थी। वैसे तो सलमान सर को काबू करना शेर को काबू करने जैसा है, लेकिन समर्पण के मामले में वे किसी भी गायक को मात दे सकते हैं। हमें ऐसा लगा जैसे हम किसी नए गायक को प्रशिक्षित कर रहे हैं।