नसीरुद्दीन शाह को परेशान करती "द कश्मीर फाइल्स"

Update: 2023-09-15 14:05 GMT
मनोरंजन: बता दें कि नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में फ्री प्रेस जर्नल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि जितनी jingoist फिल्में होंगी उतने ही लोकप्रिय आप बनेंगे और ये ही इस देश में चल रहा है लेकिन जो लोग ऐसा कर रहे हैं वो बहुत नुकसानदायक है. उन्होंने ये भी कहा था कि उन्होंने द कश्मीर फाइल्स, द केरला स्टोरी और गदर 2 नहीं देखी है लेकिन उन्हें पता है कि ये किस बारे में है. साथ ही ये भी कह दिया कि उन्हें इस तरह की फिल्मों से परेशानी होती है. लेकिन वे साउथ फिल्मों को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दे चुके हैं.
नसीरुद्दीन शाह का एक प्रकाशन के साथ इंटरव्यू में साउथ फिल्मों की तारीफ की थी और इन्हें बॉलीवुड से बेहतर बताया. उन्होंने कहा था कि दक्षिण की फिल्में अब हिंदी फिल्मों की तुलना में दर्शकों को अधिक आकर्षित करती हैं. उन्होंने कहा कि तमिल, कन्नड़, मलयालम, तेलुगु में बनी कमर्शियल फिल्में भी कहीं अधिक कल्पनाशील और मौलिक हैं.
नसीरुद्दीन का कहना है कि दक्षिण के उद्योगों के लिए यह कोई नई बात नहीं है क्योंकि वे सालों से ऐसा करते आ रहे हैं. यहां तक कि उनके गानों का चित्रण, चाहे वो कितना भी पागलपन भरा क्यों न हो, मौलिक विचार हैं. नसीरुद्दीन ने आगे कहा कि दक्षिण भारतीय फिल्मों के स्टार ज्यादा मेहनती होते हैं और यह कोई रहस्य नहीं है कि उनकी फिल्में हिंदी सिनेमा की तुलना में बेहतर प्रदर्शन क्यों कर रही हैं.
नसीरुद्दीन का मानना है कि तमिल, कन्नड़, मलयालम और तेलुगु सहित साउथ की सभी फिल्में अपने टेस्ट में क्रैश कर सकती हैं, लेकिन जिस तरह से वे अपनी स्क्रिप्ट को एग्जक्यूट यानी निष्पादित करते हैं वो हमेशा निर्दोष या कहें (flawless) रहा है.
नसीरुद्दीन शान ने आगे कहा था कि पिछले कुछ सालों में स्टार कास्ट वाली कई बॉलीवुड फिल्में उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई हैं, जबकि 'केजीएफ', 'पुष्पा: द राइज', कंतारा और 'आरआरआर' जैसी साउथ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिंदी फिल्मों से काफी आगे निकल गई हैं.
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