पिता-पुत्र की जोड़ी ने हमेशा दी हिट फिल्में, लेकिन इंटरनेशनल सक्सेस के चक्कर में कट गई पतंग

फिल्म इंटरनेशनल लेवल पर ब्लॉकबस्टर साबित होगी और ऋतिक अंतरराष्ट्रीय स्टार बन जाएंगे. मगर ऐसा हुआ नहीं.

Update: 2022-08-01 02:02 GMT

राकेश रोशन बड़े निर्माता-निर्देशक रहे हैं. 'के' उनका फेवरेट अक्षर है. 'के' से शुरू होने वाली कई हिट फिल्में उन्होंने बनाई. लेकिन जब अपने बेटे ऋतिक रोशन को इंटरनेशनल स्टार बनाने के लिए उन्होंने 'के' से काइट्स बनाई, तो खेल बिगड़ गया. इस फिल्म ने पिता-पुत्र की लगातार सफल फिल्मों की डोर काट दी. फिल्म साल 2010 में आई थी. इसके हिंदी-स्पेनिश और अंग्रेजी-स्पेनिश, दो फाइनल कट बनाए गए. हिंदी वाला भारत में और अंग्रेजी अमेरिका-यूरोप के लिए. ऋतिक रोशन और मेक्सिकन एक्ट्रेस बारबरा मोरी लीड रोल में थे. कंगना रनौत भी फिल्म में थीं. यहां से उनके और ऋतिक के बीच जो कुछ भी शुरू हुआ था, उसकी गूंज अभी तक मीडिया में समय-समय पर सुनाई पड़ती है.


कहानी में नहीं था दम
फिल्म राकेश रोशन ने प्रोड्यूस की और अनुराग बसु डायरेक्टर थे. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर डिजास्टर साबित हुई. काईट को बनाने में राकेश रोशन को 82 करोड़ रुपये लगे. जबकि बॉक्स ऑफिस कलेक्शन सिर्फ 48.33 करोड़ रहा. राकेश रोशन और वितरकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा. फिल्म रोमांटिक थ्रिलर थी, जिसमें ऋतिक यूएस में रहने वाले ऐसे डांस टीजर बने, जो दूसरे देशों से वहां आने वाली लड़कियों से झूठमूठ में शादी करके, उन्हें ग्रीन कार्ड दिलाता है. यहीं उनके जीवन में पहले बारबरा और फिर कंगना आती हैं. फिल्म की कहानी ने दर्शकों को उबा दिया था. और तेज रफ्तार उन्हें रास नहीं आई थी. इसी फिल्म के बाद से पहली बार ऋतिक की गृहस्थी में खटपट की खबरें मीडिया में आने लगीं.

छोटे-से आइडिये पर लगाया दांव
फिल्म का आइडिया अनुराग बसु का था. वह एक लाइन का आइडिया लेकर राकेश रोशन के पास पहुंचे थे. राकेश-ऋतिक को प्लॉट पसंद आया. लेकिन दो बुद्धिमान लोग कभी साथ काम नहीं कर सकते. यह इस फिल्म से साबित हो गया. राकेश खुद निर्देशक थे और अपनी फिल्म दूसरे से डायरेक्ट करा रहे थे. तो टकराव स्वाभाविक था. फिल्म में अनुराग का विजन कुछ और रहता, राकेश का कुछ और. अनुराग निर्माता नहीं थे तो उन्होंने बजट की रिकवरी के बारे में भी ज्यादा नहीं सोचा. ऐसे में छोटे बजट से शुरू हुई फिल्म का खर्च बढ़ता गया.

दो वर्जन किए थे शूट
फिल्म के दो वर्जन शूट किए गए थे. एक हिंदी. दूसरा अंग्रेजी में इंटरनेशनल. इंटरनेशनल वर्जन के प्रेजेंटर ब्रेट रैटनर ने फिल्म को अपने हिसाब से एडिट करावाया. उन्होंने कुछ भी नए सिरे से शूट करने के बजाय हिंदी वर्जन में से सिर्फ गानों को हटाकर नया म्यूजिक ट्रेक डाला. उन्होंने फिल्म में कुछ वे सीन जोड़े, जिन्हें अनुराग बसु ने अपनी फिल्म में नहीं रखा. अंतरराष्ट्रीय वर्जन में कुछ सेक्सी और तेज एक्शन सीन डाले गए. हिंदी फिल्म 130 मिनट की थी, जबकि इंटरनेशनल वर्जन 90 मिनट का. राकेश को भरोसा था कि फिल्म इंटरनेशनल लेवल पर ब्लॉकबस्टर साबित होगी और ऋतिक अंतरराष्ट्रीय स्टार बन जाएंगे. मगर ऐसा हुआ नहीं.

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