शरमन जोशी ने दोबारा रोहित शेट्टी संग काम करने की जताई इच्छा

Update: 2024-05-24 03:53 GMT
मुंबई। शरमन जोशी भले ही अब फिल्मों में कम नजर आते हों, लेकिन एक समय पर उन्होंने 'ढोल' और 'गोलमाल' जैसी फिल्मों से दर्शकों को खूब गुदगुदाया है। वह जल्द ही 'मेंटलिज्म' नाम के शो में नजर आएंगे, जिसके बारे में उन्होंने बातचीत की।
शरमन जोशी ने इस दौरान राजपाल यादव और तनुश्री दत्ता स्टारर फिल्म 'ढोल' के सीक्वल पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। दैनिक जागरण से खास बातचीत में शरमन जोशी ने ये भी बताया कि वह एक बार फिर से रोहित शेट्टी के साथ काम करने के इच्छुक हैं और वह उनकी किस सफल फिल्म का हिस्सा बनना चाहते हैं। यहां पर पढ़ें पूरी बातचीत-
ये ब्रेंटरटेनर्स शब्द आपकी जिंदगी में कब जुड़ा?
करीब छह साल पहले मैंने मेंटलिज्म पर भूपेश जी का शो देखा था। वह पिछले 40 वर्षों से ऐसे शो करते आ रहे हैं। पहली बार यह शो देखते ही मैं बिल्कुल अचंभित रह गया था। तब तक भारत में लोगों ने मेंटलिज्म के बारे में बहुत कम ही सुना था।
उसके बाद मैंने भूपेश जी के साथ काफी समय बिताया और फिर तय किया कि हम एक साथ मिलकर ऐसा शो करेंगे। महीनों मेहनत के बाद अब हम ये शो तैयार कर पाएं हैं। इसमें कहीं कंसंट्रेशन (ध्यान) का खेल है, तो कहीं कौशल का और कहीं याददाश्त का। इन सभी चीजों को मिलाकर हम अपने शो में 14 तरह की प्रस्तुति देने वाले हैं।
आपको नई चीज सीखने में उम्र बाधा नहीं दिखी?
जब आपको किसी चीज से मोहब्बत हो जाए, तो सीखना आसान हो जाता है। कई बार यह भी होता है कि आप किसी चीज को पसंद करते हैं, लेकिन आपके अंदर उसे सीखने का धैर्य नहीं होता है। पियानो सीखने को लेकर भी मेरे साथ ऐसा ही हुआ था। पियानो बजाना मुझे बेहद पसंद है, लेकिन मुझे समय पर सही शिक्षक नहीं मिला। मेंटलिज्म के मामले में भूपेश जी भी मुझे सिखाने के लिए उत्सुक थे, इसलिए मेरे लिए धैर्य रखना आसान हो गया।
आपने मसाला कमर्शियल व संदेशपरक हर तरह की फिल्में की, लेकिन प्राथमिकता कौन सी फिल्में रहीं?
मैं दिल की ही सुनता हूं और दिल से ही सोचता हूं, फिर दिमाग चाहे जो भी कहे। कुछ हद तक मैं दिमाग को उसके तर्क लगाने देता हूं। अगर दिल उस तर्क को सही बताता है, तो मैं वह मानता हूं, नहीं तो नहीं मानता हूं। फिल्मों की स्क्रिप्ट्स के साथ भी ऐसा ही है।
किसी प्रोजेक्ट के लिए निर्णय लेने में मुझे ज्यादा समय नहीं लगता है। मैं जब पहली बार स्क्रिप्ट पढ़ता हूं और वह मुझे अच्छी लगती है तो मेरी पूरी कोशिश होती है कि उस फिल्म या प्रोजेक्ट का हिस्सा बनूं। अगर पहली बार में मुझे स्क्रिप्ट नहीं पसंद आई हो तो ऐसे बहुत ही कम मौके होंगे, जब मैंने कोई दूसरा तर्क लगाकर वो फिल्म की हो।
फ्रेंचाइजी और सीक्वल फिल्मों के इस दौर में प्रशंसक और फिल्म के कलाकार भी अक्सर ढोल फिल्म की सीक्वल की मांग करते हैं?
मेरे ख्याल से प्रियम (निर्देशक प्रियदर्शन) जी कुछ फिल्मों की योजना बना रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि ढोल का भी सीक्वल बने। ढोल की कहानी कुछ उस मोड़ पर खत्म हुई थी कि उसकी सीक्वल की भी संभावना है। प्रियम जी कॉमेडी के मास्टर हैं, वह जब तय करेंगे, तो फिल्म बनेगी। हम सभी उसमें खुशी-खुशी काम करेंगे।
वेलकम में अक्षय कुमार, जॉली एलएलबी में अरशद वारसी, फ्रेंचाइजी फिल्मों में मूल कलाकारों की वापसी का चलन दिख रहा है, क्या गोलमाल 5 में आपकी भी वापसी की संभावनाएं हैं?
इसको लेकर मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि गोलमाल फ्रेंचाइजी की अगली फिल्म जब भी बनेगी, मैं उम्मीद करता हूं और चाहता हूं कि मैं उस फिल्म का हिस्सा रहूं। अगर मेरी यह बात रोहित जी (रोहित शेट्टी) तक पहुंच जाए तो अच्छी बात है।
फिल्म जिद्दी सनम को लेकर क्या अपडेट है?
जिद्दी सनम की अभी 50 प्रतिशत हिस्सों की शूटिंग बाकी है। मेरी एक और फिल्म पेंटहाउस बनकर तैयार है। अब्बास-मस्तान द्वारा निर्देशित इस फिल्म में बाबी देओल और अर्जुन रामपाल भी अहम भूमिकाओं में हैं। अब इस फिल्म का नाम बदलकर तीसवीं मंजिल कर दिया गया है। मुझे इस फिल्म की रिलीज का भी इंतजार है।
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