सलमान ख़ान ने रिलीज़ किया फ़िल्म मेजर का हिंदी टीज़र
मुंबई आतंकी हमलों में शहीद हुए एनएसजी कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की बायोपिक फ़िल्म मेजर का हिंदी टीज़र सलमान ख़ान ने सोशल मीडिया में रिलीज़ किया।
मुंबई आतंकी हमलों में शहीद हुए एनएसजी कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की बायोपिक फ़िल्म मेजर का हिंदी टीज़र सलमान ख़ान ने सोशल मीडिया में रिलीज़ किया। फ़िल्म मुख्य रूप से तेलुगु में बनायी गयी है, जिसे मलयालम और हिंदी में रिलीज़ किया जाएगा। फ़िल्म का निर्माण तेलुगु सिनेमा के सुपरस्टार महेश बाबू ने किया है, जबकि निर्देशक शशि किरण टिक्का हैं।
टीज़र शेयर करने के साथ सलमान ने लिखा- इसे कहते हैं धमाकेदार टीज़र। इसे लॉन्च करके वाकई बहुत ख़ुश और गौरवान्वित हूं। पूरी टीम को बधाई और मेजर संदीप उन्नीकृष्णन को सलाम। टीज़र में मेजर के स्कूली दिनों से मुंबई के होटल ताज पर हुए आतंकी हमले तक के दृश्यों को समेटा गया है। 2008 में हुए इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। मेजर संदीप उन्नीकृष्णन ने जांबाज़ी दिखाते हुए शहादत पायी थी। फ़िल्म में अदिवी शेष मेजर संदीप के रोल में दिखेंगे। वहीं, सई मांजरेकर उनकी प्रेमिका के किरदार में हैं। प्रकाश राज भी एक अहम किरदार में नज़र आएंगे। शोभिता धूलिपाला एनआरआई के रोल में हैं।
टीज़र सोमवार को हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में रिलीज़ किया, जिसमें फ़िल्म की स्टार कास्ट शामिल हुई। इसमें तेलुगु मीडिया को इनवाइट किया गया था, जबकि बाक़ी भाषाओं की मीडिया को वर्चुअली शामिल किया गया। अदिवी शेष ने ट्रेलर लॉन्च इवेंट में बताया कि फ़िल्म को सिनेमाघरों में ही रिलीज़ किया जाएगा, क्योंकि यह ऐसी फ़िल्म है, जिसे बड़े पर्दे के अनुभव के लिए बनाया गया है। फ़िल्म का तेलुगु टीज़र महेश बाबू ने सोशल मीडिया में रिलीज़ किया है, जबकि मलयालम टीज़र पृथ्वीराज सुकुमारन ने रिलीज़ किया। फ़िल्म 2 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली है।
पहले एक इंटरव्यू में अदिवी शेष ने मेजर के माता-पिता की सहमति हासिल करने की जद्दोजहद को याद करते हुए बताया था कि उनके पिता को यक़ीन नहीं हुआ कि कोई पिछले 10 साल से मेजर संदीप की जिंदगी पर शोध कर रहा है और उनके जीवन से प्रेरित एक कहानी बताना चाहता था। उन्हें विश्वास नही हो रहा था कि हैदराबाद का कोई दक्षिण भारतीय लड़का, जो यूएस में पला बढ़ा है, मतलब वहां से आकर कोई फ़िल्म बना सकता है। चूंकि वो मुझ पर विश्वास नहीं करते थे, मेरी टीम और मैं हम सभी अंकल और आंटी से मिलते रहे, मुझे लगता है कि चौथी या पांचवीं बार के बाद, उन्होंने मुझ पर थोड़ा भरोसा करना शुरू कर दिया।