साक्षी तंवर बन गईं ओटीटी की 'मदर इंडिया', पढ़ें पूरा रिव्यू

साक्षी ने इस भरोसे को टूटने भी नहीं दिया और मिडिल क्लास मां के किरदार में जान डाल दी है, जो एक साथ कई जिम्मेदारियों से जूझ रही है।

Update: 2022-04-16 07:26 GMT

नेटफ्लिक्स पर इस हफ्ते माई वेब सीरीज रिलीज हुई है। माई एक क्राइम-इनवेस्टिगेटिव- थ्रिलर सीरीज है, जिसमें एक मां की अपनी बेटी के कातिल और कारण की खोज की कहानी दिखायी गयी है और इसी क्रम में बात बदले तक पहुंच जाती है। सीरीज का टाइटल माई यानी मां आपको श्रीदेवी की मॉम और रवीना टंडन की मातृ की याद दिलाता है। इन दोनों फिल्मों की कहानी भी तकरीबन ऐसे ही विषय पर आधारित थी।

माई में उसी विचार को सीरीज के रूप में विस्तार दे दिया गया है। सीरीज का निर्माण क्लीन स्लेट्ज फिल्म्ज ने किया है। वही बैनर, जिसने पाताललोक जैसी सीरीज दी है। सीरीज के निर्देशक डेब्यूटेंट अतुल मोंगिया और फिल्लौरी वाले अंशय लाल हैं। साक्षी तंवर, वामिका गब्बी और राइमा सेन की मुख्य भूमिकाओं वाली माई टुकड़ों में प्रभावित करती है और असर छोड़ती है। 42 से 54 मिनट के छह एपिसोड्स में फैली सीरीज की सबसे बड़ी ताकत साक्षी तंवर का अभिनय है। साक्षी भारतीय मनोरंजन जगत का घर-घर में पहुंचा हुआ नाम है और यह सीरीज उन्हीं के कंधों पर टिकी है।
शील चौधरी एक मध्यमवर्गीय परिवार की महिला है, जिसकी आंखों के सामने उसकी बेटी सुप्रिया को एक ट्रक कुचलकर निकल जाता है। शुरुआत में तो यह महज दुर्घटना लगती है, मगर धीरे-धीरे पता चलता है कि यह महज सड़क दुर्घटना का मामला नहीं है, इसके पीछे बड़ी साजिश है। इसके बाद शील अपनी बेटी के कातिलों और इसकी वजह की खोज में नकल पड़ती है और एक प्राइवेट जासूस की तरह कड़ियों को जोड़ने की कोशिश करती है। शील और सुप्रिया के ट्रैक के समानांतर स्पेशल पुलिस फोर्स ऑफिसर फारुख सिद्दीकी (अंकुर रतन) का ट्रैक चलता है, जो एक बहुत बड़े मेडिकल स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग मामले का खुलासा करने वाला है। इस मामले के पीछे जवाहर (प्रशांत नारायण) और उसकी पार्टनर नीलम (राइमा सेन) है। नीलम रघु (सौरभ दुबे), केशव, प्रशांत (अनंत विधात) और शंकर (वैभव राज गुप्ता) के साथ मिलकर कारोबार चलाती है।
माई की कहानी जिस तरह से आगे बढ़ती है, वो शुरुआत के कुछ एपिसोड्स तक बड़ा दिलचस्प लगता है और एक बेहतरीन थ्रिलर की उम्मीद जगती है, मगर ऐसा होता नहीं है। धीरे-धीरे सीरीज में इतने किरदार और सब प्लॉट्स आ जाते हैं कि कहानी खिंची हुई लगने लगती है और असल मुद्दा छूटता प्रतीत होता है। कुछ घटनाक्रम और ट्विस्ट्स प्रभावित करते हैं। हालांकि, उनका यहां जिक्र करना उचित नहीं होगा। बेहतर है कि दर्शक खुद ही देखें। माई की कहानी की पृष्ठभूमि लखनऊ है। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स में मौजूद तमाम आपराधिक कहानियों के केंद्र में अधिकतर अब उत्तर प्रदेश ही रहता है। साक्षी तंवर ओटीटी स्पेस में काफी समय से सक्रिय हैं, मगर यह पहली सीरीज है, जिसकी कहानी का केंद्र वो हैं। साक्षी ने इस भरोसे को टूटने भी नहीं दिया और मिडिल क्लास मां के किरदार में जान डाल दी है, जो एक साथ कई जिम्मेदारियों से जूझ रही है।


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