मुंबई : एक समय पर गांव-गांव में नौटंकी का दौर हुआ करता था, जहां कलाकार मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाता था। आज के दौर में सिनेमा और मनोरंजन के इतने माध्यम आ चुके हैं कि ग्रामीणों में होने वाली नौटंकी की चमक फीकी पड़ गयी है।
बीते पांच दशक तक 'नौटंकी' को जगह-जगह पहुंचाने वाले और सबको हंसाने वाले नौटंकी के स्टार रंपत सिंह भदौरिया का बीते दिन सोमवार को निधन हो गया। देश से लेकर विदेशों तक में अपनी पहचान बनाने वाले रंपत सिंह भदौरिया का पिछले काफी समय से कानपुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था।
रंपत सिंह भदौरिया को आया था पैरालिसिस अटैक
लोकप्रिय नौटंकी आर्टिस्ट रंपत सिंह भदौरिया अपने घर पर वॉक करते-करते अचानक से गिर पड़े थे, जिसके बाद गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। नौटंकी की दुनिया के बादशाह रंपत सिंह भदौरिया को पैरालिसिस अटैक के चलते उनके परिवार ने उन्हें एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराया था। रंपत सिंह भदौरिया ने देश के अलग-अलग हिस्सों में अपनी दमदार नौटंकी के बलबूते पर अपनी पहचान बनाई थी।
रंपत सिंह भदौरिया के निधन की खबर के बाद उनके फैंस उनकी आखिरी झलक देखने के लिए आर्टिस्ट के घर के बाहर इकठ्ठा हो रहे हैं। आपको बता दें कि रंपत सिंह भदौरिया अपनी नौटंकी में डबल मीनिंग शब्दों का भी इस्तेमाल करते थे। उन पर 'डर्टी डॉक्यूमेंट्री' भी बनी है।
43 सालों से नौटंकी की विधा से जुड़े थे रंपत सिंह भदौरिया
कल्याणपुर में 11 अक्टूबर 1965 के जन्मे रंपत सिंह भदौरिया वर्तमान में किदवई नगर के बगाही में रहते थे। वह पिछले 43 वर्षों से नौटंकी की विधा से जुड़े थे। उनकी नौटंकी के वीडियो यूट्यूब पर काफी ज्यादा पसंद किए जाते रहे हैं। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में इनकी नौटंकी देखने वालों की संख्या भी काफी रहती थी।
ये वो दौर था जब इंटरनेट, मोबाइल और टीवी का चलन नहीं होता था। आलम ये था कि रंपत की नौटंकी सुनने के लिए गांवों में डुग्गी पिटवाकर नौटंकी का संदेश दिया जाता था। परिवार में रंपत की पत्नी रानीबाला और तीन शादीशुदा बेटियां हैं।