मन की बात: डिप्रेशन से बाहर निकलीं दीपिका पादुकोण, मेंटल हेल्थ बिगड़ने का सताता है डर

दीपिका पादुकोण बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्रियों में शुमार हैं। आज उन्होंने जो कुछ भी हासिल किया है, उसके लिए एक समय उन्होंने खूब मेहनत की है

Update: 2021-07-22 06:47 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दीपिका पादुकोण बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्रियों में शुमार हैं। आज उन्होंने जो कुछ भी हासिल किया है, उसके लिए एक समय उन्होंने खूब मेहनत की है। आज भी दीपिका अपने किरदारों के लिए मेहनत करने से बिल्कुल नहीं कतराती हैं लेकिन जिस तरह से हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी डार्क फेज आता है, दीपिका भी उस दौर से गुजर चुकी हैं। वे अक्सर इस विषय पर बात करती हैं और अपने फैंस के सामने अपने अनुभवों को प्रस्तुत करती हैं। आज से कुछ सालों पहले दीपिका को यह जीवन बेकार सा लगने लगा था, जीने का उन्हें कोई अर्थ नहीं नजर आ रहा था। ऐसे समय में उनकी मां ने उनको खूब अच्छे से समझा, हाल ही में यह बात दीपिका पादुकोण ने 'वॉयस चैट रूम' के एक सेशन के दौरान बताई। उन्हें समय लगा लेकिन वे डिप्रेशन बाहर निकल गईं और आज एक खुशहाल जीवन जी रही हैं। 


'वॉयस चैट रूम' में कही ये बात

दीपिका पादुकोण पहले भी डिप्रेशन को लेकर कई बार बात कर चुकी हैं। वे उनके डिप्रेशन को छिपाने में विश्वास नहीं करती हैं। वॉयस चैट रूम के सेशन के दौरान उन्होंने बताया कि उनका डिप्रेशन फरवरी 2014 में शुरू हुआ था। यह उनकी जिंदगी का ऐसा वक्त था, जब वे खुद को टूटा हुआ महसूस करने लगी थीं। 


जीवन का कोई अर्थ नहीं दिखता था

दीपिका ने कहा की डिप्रेशन के समय में वे खुद के अंदर बहुत खालीपन महसूस किया करती थीं। उन्हें जीवन का कोई लक्ष्य और अर्थ नजर नहीं आ पाता था। मानसिक रूप से वे खुद को जितना कमजोर देख पा रही थीं, शारीरिक रूप से भी वे कमजोर हो चुकी थीं। 


मां समझ गई थीं डिप्रेशन

दीपिका ने बताया कि उनका डिप्रेशन कई महीनों तक चला। इस दौरान उनका परिवार उनसे मिलने मुंबई आया था। जब परिवार वापिस घर को जा रहा था, तब दीपिका उन लोग के पास गई और उन्हें अचानक खूब रोना आने लगा। उन्हें इस तरह रोता हुए देख उनकी मां उज्ज्वला समझ गई थीं कि दीपिका किसी मुसीबत में हैं। 


आज भी करती हैं ये काम

दीपिका को लगता है कि उनकी मां का अनुभव ही उन्हें इस परेशानी से निकाल सका है। उन्हें आज भी डर लगता है कि कहीं वे वापिस इस स्थिति में न पहुंच जाएं इसलिए वे प्रतिदिन नींद पूरी करती हैं, अच्छा खाना खाती हैं, कसरत करती हैं। ये सब वे रोजाना करती हैं ताकि जिंदा रह सकें। 

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