मुंबई : फूल और कांटे', 'रोजा' और 'जेंटलमैन' जैसी फिल्मों में अपनी अदाकारी दिखा चुकीं मधू (Madhoo) बॉलीवुड के साथ-साथ साउथ सिनेमा में भी काफी मशहूर हुई थीं। उन्होंने अपने करियर में कई बड़ी फिल्मों में लीड रोल निभाया है। वह 90 के दशक की टॉप एक्ट्रेस रह चुकी हैं।
मधू ने एक हालिया इंटरव्यू में 90 दशक के मुश्किल दिनों को याद किया है। एक्ट्रेस ने बताया कि कैसे उस दौर में अभिनेत्रियों को वॉशरूम और वैनिटी वैंस जैसी बेसिक फैसिलिटीज नहीं मिला करती थीं। कई बार तो उन्होंने खुले में कपड़े बदले हैं और पत्थरों पर सोई हैं।
खुले में बदलने पड़ते थे कपड़े
इंडियन एक्सप्रेस संग बातचीत में मधू ने 90s को सबसे कठिन बताते हुए कहा, "यह एक हकीकत है। यह सबसे कठिन वक्त था और मैं कोलाची में लाल गुफाओं में बैठकर और प्रकृति के बीच पहाड़ों और पेड़ों के नीचे बैठकर तमिल फिल्मों की शूटिंग कर रही थी। यह सबसे शर्मनाक समय था। जिस तरह के कपड़े हम उस गर्मी में नाचने के लिए पहनते थे और फिर उन कपड़ों को निकालते थे। हमें नहीं पता था कि कौन देख रहा है। यह बहुत मुश्किल था।"
चट्टान पर सोईं मधू
मधू ने मणि रत्नम की फिल्म 'इरुवर' की शूटिंग के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में भी बात की है। अभिनेत्री ने कहा, "अब वो सब नहीं होता। आप कह सकते हैं कि आपके पास मेकअप वैन होनी चाहिए और आप अपनी प्राइवेट जगह ले सकते हैं। एक समय था जब मैं मणिरत्नम सर के साथ इरुवर (1997) की शूटिंग कर रही थी और हम तमिल में कहीं शूट कर रहे थे, मुझे वह जगह ठीक से याद नहीं है।"
मधू ने आगे कहा, "खाने के बाद ब्रेक टाइम में चट्टान पर सो रही थी और मैंने किसी को यह कहते हुए सुना, 'इतना पैसा होने का क्या फायदा, आखिरकार उसे सोना तो चट्टान पर ही पड़ रहा।' आज हमें उस फेज से गुजरना नहीं पड़ता है। यह अच्छा बदलाव है, खासकर एक फीमेल एक्टर के लिए। वे दिन कठिन थे।"