विशेष दूत को नामित करने के लिए आसियान म्यांमा की मंजूरी का है इंतजार

फुतराकुल पूर्व में म्यांमा में थाइलैंड के दूत थे।

Update: 2021-08-03 10:37 GMT

आसियान के विदेश मंत्रियों ने राजनीतिक संकट से जूझ रहे म्यांमा की मदद के लिए विशेष दूत का चयन किया है, लेकिन नाम की घोषणा के पहले सैन्य शासित देश के नेताओं की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है।

दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के विदेश मंत्रियों ने ब्रुनेई के उप विदेश मंत्री एरीवान यूसुफ को म्यांमा का विशेष दूत नामित किया है। आसियान के दो राजनयिकों ने बताया कि सोमवार को वार्षिक बैठक में इस फैसले पर सहमति बनी।
म्यांमा ने दूत चुने जाने को लेकर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इस वजह से संवाददाता सम्मेलन के बाद मंत्रियों ने नाम की घोषणा नहीं की। आसियान में 10 देश शामिल हैं। म्यांमा में राजनीतिक संकट खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है जहां फरवरी में आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार का तख्तापलट कर सेना सत्ता में आ गयी थी।
म्यांमा की मंजूरी के बिना विशेष दूत की नियुक्ति नहीं हो सकती और फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि म्यांमा ने प्रस्तावित नाम पर कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी। एक राजनयिक ने कहा कि आसियान के मंत्री म्यांमा पर दबाव बना रहे हें ताकि विशेष दूत जल्द से जल्द अपना काम शुरू कर सकें।
आसियान के एक राजनयिक ने कहा कि म्यांमा ने थाइलैंड के उम्मीदवार विरासकडी फुतराकुल के नाम को तरजीह दी। फुतराकुल पूर्व में म्यांमा में थाइलैंड के दूत थे।

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