Anupamaa: ‘अनुपमा’ में आध्या और शाह परिवार का मिलन होगा। सभी लोग आध्या से मिलेंगे और उसे आशीर्वाद देंगे। तोषू को ये बात पसंद नहीं आएगी। वह भड़क जाएगा। वह कहेगा, ‘अभी के अभी अंदर चलो सब। पापा ये सब बर्दाश्त करते होंगे, लेकिन मैं इन भिखमंगी पड़ोसियों से किसी भी तरीके का रिश्ता बर्दाश्त नहीं करूंगी। आज से सारे रिश्ते-नाते खत्म’ ऐसे में अनुपमा, तोषू की बेइज्जती करने लगेगी। तोषू चिढ़ जाएगा और अनुपमा को चेतावनी देगा।
इधर शाह हाउस में तमाशा होगा। उधर अनुज, तोषू की बात याद कर-करके परेशान होता रहेगा। वह अपने पुराने दिनों को याद करेगा। ऐसे में अनुपमा, अनुज को दोबारा बिजनेस शुरू करने की सलाह देगी। अनुज कहेगा, ‘तुम और आध्या, मेरा साथ कभी मत छोड़ना। अपने परिवार के साथ मैं आगे बढ़ना चाहता हूं। तुम लोगों के साथ मैं वापस उसी मकाम पर पहुंचना चाहता हूं। वापस अनुज कपाड़िया बनना चाहता हूं।
शाह हाउस में तमाशा करने के बाद तोषू आशा भवन आएगा। वह कहेगा, ‘आज से शाह फैमिली का ऑफिशियल करता-धरता वनराज शाह नहीं, पारितोष शाह है।’ अनुज, तोषू के सूट पर कैचअप से क्रॉस का निशान बना देगा। वह कहेगा, ‘यहां तानाशाही नहीं, लोकतंत्र चलता है।’ तोषू भड़क जाएगा और वहां से चला जाएगा।