गजब का किस्सा: सूर्य ग्रहण से लोगों को बचा चुके हैं धर्मेंद्र-अमिताभ, क्या आप जानते है?
गजब का किस्सा
आज यानी 30 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा है। आप सभी को बता दें कि आज के समय में सूर्य ग्रहण देखने के लिए लोग बहुत उत्साहित रहते हैं। जी हाँ और वह ग्लासेस और अन्य तकनीक से इस नजारे का लुत्फ उठाते हैं। हालाँकि हमेशा से ऐसा नहीं था। जी दरअसल जब तकनीक विकसित नहीं हुई थी, तब जानकार सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखने के लिए मना करते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी किरणे बेहद हानिकारक होती हैं। हालाँकि यह जानने के बावजूद लोग सूर्य ग्रहण के दौरान घर से बाहर निकलते थे और इसी वजह से आज से 44 साल पहले भारत सरकार ने लोगों को सूर्यग्रहण देखने से रोकने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया था। गजब का किस्सा, सूर्य ग्रहण से लोगों को बचा चुके हैं धर्मेंद्र-अमिताभ, 30 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण ,सूर्य ग्रहण ,सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखने के लिए मना , Amazing story, Dharmendra-Amitabh has saved people from solar eclipse, on April 30, the first solar eclipse of the year, solar eclipse, forbidden to see solar eclipse with naked eyes,
जी दरअसल यह किस्सा है 16 फरवरी, 1980 का। जब सूर्य ग्रहण का वक्त था और सरकार को डर था कि जनता बिना किसी सुरक्षा उपाय के घरों से बाहर निकल जाएगी और सूर्य की हानिकारक किरणों की वजह से उन्हें इसका दुष्प्रभाव झेलना पड़ेगा। इस वजह से सरकार ने लोगों को घरों में कैद रखने के लिए फिल्म इंडस्ट्री का सहारा लिया।
जी हाँ और सरकार ने दूरदर्शन पर अमिताभ और धर्मेंद्र की फिल्म 'चुपके चुपके' दिखाने का फैसला किया। कहा जाता है उस जमाने में टीवी पर केवल रविवार को ही फिल्म टेलीकास्ट की जाती थी, लेकिन सूर्य ग्रहण के कारण शनिवार को अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की फिल्म का प्रसारण किया गया था। आप सभी जानते ही होंगे अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र अभिनीत फिल्म 'चुपके-चुपके' एक कॉमेडी फिल्म थी और इसे देखने के लिए लोग घरों में बैठे थे।