महिला कल्याण प्राथमिकता नहीं
महिला कल्याण सरकार के लिए नारेबाजी है। उसकी उनके असल कल्याण में रुचि नहीं है
जनता से रिश्ता वेबडेसक | महिला कल्याण सरकार के लिए नारेबाजी है। उसकी उनके असल कल्याण में रुचि नहीं है। कम से कम बजट में महिलाओं के लिए रखे जाने वाले धन का जिस तरह उपयोग हुआ है, उससे यही निष्कर्ष निकलता है। इस बारे में ध्यान अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संस्था ऑक्सफैम ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट से खींचा है। ऑक्सफैम ने कहा कि हेल्पलाइन केंद्रों की स्थापना, आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवाओं और अधिकारियों के लिए लिंग-संवेदीकरण प्रशिक्षण के लिए निर्धारित राशि का इस्तेमाल नहीं किया गया। मसलन, निर्भया फंड को लें। सरकार ने निर्भया फंड की स्थापना 2012 में 23 वर्षीय महिला की बलात्कार के बाद हत्या के बाद की थी। ऑक्सफैम की रिपोर्ट में पाया गया कि फंड में पहले ही आवंटन कम है और उसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। "टुवर्ड्स वॉयलेंस फ्री लाइव्स फॉर वुमन" नामक रिपोर्ट में पिछले तीन वर्षों के भारत के बजट का विश्लेषण किया गया है।