दलबदल का खेल क्यों…
लोकतंत्र में यह कोई हैरत की बात नहीं कि कोई किसी भी राजनीतिक पार्टी का छोटा-बड़ा राजनेता पार्टी बदलता है
लोकतंत्र में यह कोई हैरत की बात नहीं कि कोई किसी भी राजनीतिक पार्टी का छोटा-बड़ा राजनेता पार्टी बदलता है। जब किसी राजनेता को अपनी मौजूदा पार्टी की हाईकमान की नीतियां गलत लगे तो वो पार्टी बदलने में पूर्ण रूप से स्वतंत्र होता है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि हमारे देश की राजनीति अब अवसरवाद का शिकार हो चुकी है, लेकिन जरूरी नहीं है कि जो राजनेता दल बदलते हैं उनमें सभी अवसरवाद के शिकार हों। ऐसे राजनेताओं का दल बदलने का कारण दल की हाईकमान की तानाशाही भी जिम्मेदार हो सकती है। जब किसी राजनीतिक दल की हाईकमान परिवारवाद को बढ़ावा दे, मनमानी करे और अपने खासमखास लोगों को ही रेवडि़यां बांटें तो ऐसे में दलबदल सही लगता है। इसके बावजूद अवसरवाद के कारण दलबदल लोकतंत्र को कमजोर करता है।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा