कहां छिपे हैं पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह?
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) लापता हैं
पंकज कुमार मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) लापता हैं. एक अक्टूबर को महाराष्ट्र के अधिकारियों ने उनके लापता होने की घोषणा की जो चौंकाने वाली है. परमबीर सिंह को इस साल मई के बाद से नहीं देखा गया है. परमबीर सिंह मुंबई के न तो अपने घर पर हैं और ना ही होमटाउन चंडीगढ़ में ही उनका कोई सुराग मिल पाया है.
मुंबई में उनकी पत्नी और बेटी साथ रहती हैं, जबकि उनके बेटे विदेश में रहते हैं. लेकिन इन सबके अलावा परमबीर सिंह के वकीलों को भी उनके विषय में कोई जानकारी नहीं है. मुंबई पुलिस अपने पूर्व पुलिस अधिकारी की सघन तलाशी में जुटी है. लेकिन किसी को भी कोई जानकारी मिल नहीं पाई है.
दो साल पहले तक होते थे मुंबई पुलिस के मुखिया
ध्यान देने वाली बात यह है कि दो साल पहले परमबीर सिंह मुंबई पुलिस के मुखिया बने थे और 45 हज़ार पुलिसकर्मियों की संख्या वाली मुंबई पुलिस की कमान उनके हाथों में थी. लेकिन साल 2021 फ़रवरी में भारत के सबसे अमीर पूंजीपति मुकेश अंबानी के घर के निकट विस्फोटकों से लदी एक कार के मिलने के बाद परमबीर सिंह सवालों के घेरे में आ गए थे.
सवालों की झड़ी मुंबई पुलिस कमिश्नर के सामने मुंह बाए खड़ी थी. जिसका जवाब उनको सूझ नहीं रहा था. जिस कार में विस्फोटक पदार्थ मिले थे. उस कार के ऑनर का शव शहर के समंदर में मिला और जांच में पता चला कि उस ऑनर की हत्या कर शव को फेंका गया है. जांच एजेंसी ने मृतक ऑनर के परिचित एक पुलिस वाले को इस हत्या के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया है और इसके बाद परमबीर सिंह के लिए समस्याएं और भी जटिल हो गईं.
तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए थे गंभीर आरोप
एनआईए मानती है कि मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच के सब-इंस्पेक्टर सचिन वाझे का पूंजीपति अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिली विस्फोटकों से लदी कार और कार के मालिक की हत्या से गहरा संबंध था.
फिर क्या था जांच की आंच मुंबई पुलिस कमिश्नर पर भी पड़ी और परमबीर सिंह को अपने पद से हाथ धोना पड़ा. परमबीर सिंह को होमगार्ड प्रमुख के पद पर बिठाया गया, जिसे दरकिनार किए गए अधिकारियों को सौंपा जाता है.
मामला यहीं नहीं थमा. राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टियों ने महाअघाड़ी सरकार को आड़े हाथों लेना शुरू किया. राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने जवाब में कहा था कि पुलिस कमिश्नर का तबादला रूटीन तबादला नहीं था और उनके कार्यालय में बहाल अधिकारियों ने कई गंभीर गलतियां की हैं.
वैसे इन गंभीर गलतियों से पर्दा उठना अभी भी बाकी है. परमबीर सिंह ने नए दायित्वों को संभाल लिया लेकिन ट्रांसफर से नाराज परमबीर सिंह ने राज्य सरकार के नाम पत्र लिखकर तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अनिल देशमुख पर वसूली और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप मढ़ दिए.
क्या बेल्जियम में हैं परमबीर सिंह?
मुख्यमंत्री के नाम लिखी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया कि देशमुख सचिव वाझे की मदद से मुंबई शहर के बार संचालकों और होटल कारोबारियों से नियमों के ढील के एवज में करोड़ों रुपए वसूलने का काम किया करते हैं.. चिट्ठी के बाद अनिल देशमुख को अगले महीने यानि कि अप्रैल में इस्तीफा देना पड़ा और केन्द्रीय एजेंसियों ने कई दफा पूछताछ के बाद अनिल देशमुख को सलाखों के पीछे भेज दिया.
नवंबर में अनिल देशमुख गिरफ्तार हुए और उन्होंने बयान दिया कि उन पर आरोप लगाने वाला देश से फरार है. इस सबके बीच मई में परमबीर सिंह ने मेडिकल छुट्टियां लीं और फिर वो ग़ायब हो गए. मीडिया रिपोर्टों में कयास का दौर जारी है. परमबीर सिंह देश से गायब हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट में उनके रूस और बेल्जियम में होने का दावा किया गया है.
क्या सच में परमबीर सिंह कानून से नहीं भाग रहे हैं?
महाराष्ट्र के नए गृहमंत्री दिलीप वाल्से पाटिल के मुताबिक राज्य सरकार उन्हें खोज रही है. वैसे भी एक सरकारी अधिकारी को बिना सरकार की अनुमति के देश छोड़कर जाना परमिशिबल नहीं है. महाराष्ट्र सरकार ने एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में परमबीर सिंह के मामले की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया है. परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ अब रियल एस्टेट कारोबारियों, होटल मालिकों और बुकी की तरफ़ से चार आपराधिक मामले दर्ज करवाए गए हैं, जिनकी जांच चल रही है.
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के वकील के अनुसार वह अभी भी अपने पैनल के संपर्क में हैं. जिससे यह साफ जाहिर होता है कि परमबीर सिंह कानून से भाग नहीं रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद भी कई ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब फिलहाल आने बाकी हैं. जिसमें से एक बड़ा सवाल यह है कि ऐसी क्या वजह थी कि अनिल देशमुख को परमबीर सिंह को उनके पद से हटाना पड़ा और दूसरा सवाल यह कि इतने बड़े मंत्री के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने के बाद पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को लापता क्यों होना पड़ा. और तीसरा और सबसे अहम सवाल यह है कि इस मामले की जांच कर रही पैनल के सामने परमबीर सिंह पेश क्यों नहीं हो रहे हैं? क्या इन सब बातों का विस्फोटकों से भरी कार के केस से कोई संबंध है?
परमबीर सिंह एक बहादुर पुलिस ऑफिसर रहे हैं
परमबीर सिंह की गिनती बहादुर पुलिस ऑफिसर्स में होती है. उन्होंने चार दशक तक माओवाद से प्रभावित जिलों में नक्सलियों से और शहरी क्षेत्र में गैंगस्टर्स से मुकाबला किया है. यही नहीं 90 के दशक में जब मुंबई से अंडरवर्ल्ड का सफाया हुआ, उस वक्त भी परमबीर सिंह मुंबई पुलिस की टीम के साथ काम कर रहे थे. आपको पता ही होगा कि 90 के दशक में मुंबई अंडरवर्ल्ड का गढ़ था. परमबीर सिंह ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के साथ भी काम किया है. जिसके बाद वह सुर्खियों में थे. इस टीम का काम था उन गैंगेस्टरों का एनकाउंटर करना जो फिल्म निर्माताओं और कारोबारियों से पैसा वसूलते थे.
एक किताब के मुताबिक तो यहां तक कहा जाता है कि परमबीर सिंह को एक दूसरे सीनियर पुलिस ऑफिसर के साथ मिलकर दुबई से अंडरवर्ल्ड का सफाया करने का भी काम दिया गया था. और इन दोनों अधिकारियों ने मिलकर इस काम को करने के लिए तीन 'एलीट एनकाउंटर स्क्वायड' भी बनाया था. अगस्त के महीने में परमबीर सिंह ने फोन पर एक जर्नलिस्ट से बात करते हुए कहा था कि वह भारत में ही हैं और उन्होंने देश नहीं छोड़ा है. हालांकि मुंबई पुलिस के पास फिलहाल इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि परमबीर सिंह कहां है और वह सामने क्यों नहीं आ रहे हैं.