अपना लोकतंत्र भी अजीब
महाराष्ट्र से पिछले हफ्ते आई खबर हैरतअंगेज तो नहीं थी, लेकिन
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महाराष्ट्र से पिछले हफ्ते आई खबर हैरतअंगेज तो नहीं थी, लेकिन उससे अपने लोकतंत्र की स्थिति पर विचार करने का एक मौका जरूरत मिलता है। हैरतअंगेज इसलिए नहीं थी, क्योंकि अपने लोकतंत्र में स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पैसे का बोलबाला है, यह आम जानकारी है। लेकिन जब हालात ऐसे हों, तो फिर यह जरूरत सोचना पड़ता है कि आखिर हम दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने की बात कहकर गर्व क्यों करते हैं? खबर यह आई कि निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र के नासिक और नंदूरबार जिलों के दो गांवों में पंचायत चुनाव रद्द कर दिया है। आयोग को पंचायत सीटों की नीलामी की शिकायत और वीडियो मिले थे। उसके बाद 15 जनवरी को होने वाले चुनाव को रद्द कर दिया गया। मतदाताओं को पैसा बांटने के आरोप में पहले विधान सभा की सीट का चुनाव भी रद्द हुआ है। लेकिन इस बार खबर सीट की नीलामी की है।