Two-Term Norm CPI (M): पिनराई विजयन अपने आसपास नहीं चाहते हैं बराबरी के लोग, पार्टी में होगी बगावत?

केरल में सियासी घमासान तेज हो गया है. जहां राजनीतिक पार्टियां अपने सामने वाले पहलवान को पटखनी देना चाहती

Update: 2021-03-11 08:40 GMT

केरल में सियासी घमासान तेज हो गया है. जहां राजनीतिक पार्टियां अपने सामने वाले पहलवान को पटखनी देना चाहती हैं, वहीं CPI(M) के नेता अपने ही मैदान में अपने ही साथियों के साथ दंगल लड़ रहे हैं. इस राजनीतिक दंगल का सबसे बड़ा कारण है मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का 'टू टर्म नॉर्म' थ्योरी, विजयन के इस थ्योरी का मतलब है कि जो नेता दो बार से विधायक चुने गए हैं इस बार उनके टिकट काट दिए जाएं. 'टू टर्म नॉर्म' थ्योरी के चलते CPI(M) ने अपने 5 मंत्रियों समेत 25 विधायकों के टिकट काट दिए.


इनमें वो नाम भी शामिल हैं जिन्हें केरल CPI(M) में पिनराई विजयन के बराबर का नेता माना जाता था. चाहे वह केरल के दिग्गज नेताओं में शामिल और पिनराई सरकार में वित्त मंत्री रहे टीएम थॉमस इसाक हों या फिर एके बालन और जी सुधाकरन जैसे वरिष्ठ CPI(M) नेता, इन सबके टिकट काट दिए गए हैं.

हालांकि मुख्यमंत्री के इस फैसले के बाद यह भी सवाल उठ रहा है कि 75 साल के पिनराई विजयन जो 5 बार के विधायक हैं चुनाव क्यों लड़ रहे हैं? इसके साथ ही उनकी करीबी केके शैलजा जो तीन बार की विधायक हैं वो भी चुनाव लड़ रही हैं और जे मर्सिकुट्टी अम्मा जो तीन बार से विधायक हैं वह भी चुनाव लड़ रही हैं. हालांकि इस पर पिनराई समर्थकों का कहना है कि यह लोग लगातार दो बार से विधायक नहीं हैं इसलिए यह लोग 'टू टर्म नॉर्म' थ्योरी के अंतर्गत नहीं आते हैं

पार्टी हाइजैक करना चाहते हैं मुख्यमंत्री विजयन?
75 साल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भले ही यह कह कर सीनियर नेताओं के टिकट काट रहे हों कि वह पार्टी में युवाओं को मौका देना चाहते हैं, लेकिन केरल के सियासी गलियारों में ये बात तेजी से फैल रही है कि CPI(M) केरल को अब पिनराई विजयन अपने मुट्ठी में करना चाहते हैं, इसीलिए वह अपने आसपास किसी ऐसे नेता को नहीं देखना चाहते जो उनसे सवाल-जवाब कर सके.

एक गुट के खास नेताओं को बनाया जा रहा है निशाना
दरअसल केरल CPI(M) में शुरू से ही दो गुट रहे हैं, एक गुट रहा है मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का और दूसरा गुट है मोस्ट सीनियर नेता बीएस अच्चुतानंदन का, जिन बड़े नेताओं का टिकट काटा गया वह सभी पूर्व मुख्यमंत्री बीएस अच्चुतानंदन के साथ के, यानि दूसरे गुट के थे. इन नेताओं से पिनराई विजयन की शुरू से नहीं बनती थी और वह मौका ढूंढ रहे थे इन्हें किनारे लगाने का, जो उन्हें 'टू टर्म नॉर्म' थ्योरी के जरिए मिल गया.

पार्टी में होगी बगावत?
एके बालन, पी जयराजन, जी सुधाकरन, सी रविंद्रनाथ, टीएम थॉमस इसाक, और विधानसभा स्पीकर पी श्रीरामकृष्णन जैसे दिग्गज नेताओं के टिकट काटे जाने पर केरल में सियासी संग्राम शुरू हो गया है. ये सभी बड़े नेता मौजूदा सरकार में मंत्रालय संभाल रहे थे और अब अचानक उनका टिकट काट दिया गया, इस बात को लेकर उनके समर्थकों में काफी रोश है. लेफ्ट के गढ़ कुन्नूर से मंत्री पी जयराजन का टिकट कटने पर उनके समर्थकों ने ववाल काटना शुरू कर दिया है. कार्यकर्ता इसको लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, इसके साथ ही जयराजन के समर्थकों ने फेसबुक पर एक कैंपेन शुरू कर दिया है. इसी के साथ और बड़े नेताओं के समर्थक भी पिनराई विजयन के इस कदम से नाराज हैं.

कांग्रेस को हो सकता है फायदा
जिन नेताओं का टिकट कटा वह सभी जनता के बीच अच्छी पकड़ रखते थे, अब इनकी जगह युवाओं को मौका दिया जाएगा. हालांकि जानकारों का मानना है कि जिन 25 सीटों पर CPI(M) ने अपने बड़े नेताओं का टिकट काटा है, वहां अगर कांग्रेस अच्छे उम्मीदवार उतारे तो इनमें से कई सीटों पर CPI(M) को नुकसान पहुंचा सकती है. पिनराई विजयन अपनी जीत को लेकर अति आत्मविश्वास से भरे हुए हैं, हालांकि चुनाव में मुख्यमंत्री विजयन को इस अति आत्मविश्वास का कितना खामियाजा भुगतना पड़ेगा ये देखने वाली बात होगी.


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