ट्रंप के इस रवैये का क्या परिणाम होगा, फिलहाल कहना मुश्किल है। लेकिन आशंका है कि इससे अमेरिका एक बड़ी सामाजिक अशांति की तरफ बढ़ सकता है। इस बार कोरोना महामारी के कारण मतगणना देर तक चली है। मगर बुधवार को अभी जबकि काफी मतगणना बाकी थी, ट्रंप ने एलान कर दिया कि 'हम चुनाव जीतेंगे और जहां तक मेरी बात है तो हम पहले ही जीत चुके हैं।' ट्रंप ने यह कहा कि 'हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। हम वोटिंग और धोखाधड़ी से भेजे गए वोटों की गणना को रुकवाना चाहते हैं।' उधर डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन की टीम ने कहा कि अगर डॉनल्ड ट्रंप सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी पर अमल करते हैं, तो उनकी लीगल टीम उसका विरोध करने के लिए तैयार है। बाइडेन के प्रचार प्रबंधक जेओ माले डीलन ने बयान जारी कर कहा- 'अगर राष्ट्रपति वोटों के सही टेबुलेशन को रोकने के लिए कोर्ट जाने की धमकी पर आगे बढ़ते हैं, तो हमारी लीगल टीम तैनात किए जाने के लिए तैयार है जो उनके कदमों का विरोध करेगी। हमारे इतिहास में कभी किसी राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय चुनाव में अमेरिकी लोगों की आवाज छीनने की कोशिश नहीं की।' इससे पहले अपने गृह राज्य डेलावेयर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए जो बाइडेन ने कहा था- 'हमें यकीन है कि हम इस चुनाव को जीतने की राह पर हैं।' बेशक ट्रंप को उससे ज्यादा समर्थन मिला, जितना ओपिनियन पोल्स में बताया जा रहा था। बल्कि उनकी पार्टी ने सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के चुनाव में कहीं बेहतर प्रदर्शन किया। मगर चुनाव नतीजों को चुनौती देकर ट्रंप ने अपनी पार्टी के लिए भी शर्मनाक स्थिति पैदा कर दी है।