इंग्‍लैंड की पहली महिला शासक एलिजाबेथ प्रथम की मां को उनके पिता ने दी थी सजा-ए-मौत

पितृसत्‍ता का इतिहास तकरीबन उतना ही पुराना है, जितना धरती पर जीवन

Update: 2021-03-10 11:22 GMT

पितृसत्‍ता का इतिहास तकरीबन उतना ही पुराना है, जितना धरती पर जीवन. ब्रिटेन के राज परिवार का इतिहास भी कोई अपवाद नहीं. इन दिनों जब प्रिंस हैरी और मेगन मार्केल के ओपरा विनफ्रे को दिए इंटरव्‍यू के बाद ब्रिटेन का राज परिवार एक बार फिर सुर्खियों में है, हम याद कह रहे हैं इस शाही खानदान के छह सौ साल पुराने इतिहास को और उस महिला को, जिसका सरेआम सिर कलम करवा दिया गया था.

ब्रिटिश राज की पहली महिला शासिका क्‍वीन एलिजाबेथ प्रथम की मां ऐन बोलेन्‍य, जो किंग हेनरी आठवें की दूसरी ब्‍याहता पत्‍नी थीं. किंग हेनरी को उस पर एडल्‍टरी का शक था. इस शक में राजा ने अपनी ही पत्‍नी का सरेआम सिर कलम करवा दिया. ये उस दौर की बात है, जब कानून की किताबों में पति और पिता दोनों को अपनी पत्‍नी की हत्‍या कर देने की कानूनी इजाजत थी.
इंग्‍लैंड के कानून में ये लिखा था कि किन-किन परिस्थितियों में और किन-किन अपराधों के लिए एक पति और पिता अपनी पत्‍नी की हत्‍या कर सकते हैं. एडल्‍टरी उनमें से एक था. इंग्‍लैंड की तरह प्राचीन रोमन कानून में भी एडल्‍टरी करने पर पिता अपनी बेटी और पति अपनी पत्‍नी की हत्‍या कर सकते थे. उस समय का कानून बाकायदा इस बात की तसदीक करता था.
कौन थी ऐन बोलेन्‍य
ऐन बोलेन्‍य का जन्‍म 28 मई, 1533 को इंग्‍लैंड के नॉरफ्लॉक में हुआ था. ऐन के पिता थॉमस बोलेन्‍य अपने जमाने के जाने-माने डिप्‍लोमैट थे और इंग्‍लैंड के तत्‍कालीन शासक किंग हेनरी आठवें के बहुत करीबी भी.
थॉमस के मन में ये छिपी हुई इच्‍छा थी कि किसी तरह ऐन बोलेन्‍य का विवाह किंग हेनरी के साथ हो जाए. हेनरी पहले से विवाहित थे, लेकिन उनका कोई बेटा नहीं था. राजा को इस बात की फिक्र थी कि उनके बाद राजगद्दी पर कौन बैठेगा.

जब एक बार किंग हेनरी थॉमस से मिलने उनके स्‍टेट में आए तो उन्‍होंने पूरी कोशिश की कि किसी तरह ऐन राजा पर अपना प्रभाव डालने में सफल हो, लेकिन ऐन की बजाय राजा का दिल आ गया उसकी बड़ी बहन मैरी पर, जो पहले से शादीशुदा थी. लेकिन किंग हेनरी तो राजा था और राजा जिस चीज पर हाथ रख दे, वो उसकी हो जाती थी.

ऐन और का विवाह
किंग हेनरी

जब राजा का मैरी पर दिल आ गया तो उसने उसे अपने महल में बुलवा भेजा. मैरी जाना नहीं चाहती थी, लेकिन उसके पास कोई और विकल्‍प भी नहीं था. राजा ने महल में मैरी को अपनी मिस्‍ट्रेस बना लिया. जब मैरी के गर्भ में किंग हेनरी की पहली संतान थी तो हेनरी को उम्‍मीद थी कि इस बार जरूर बेटा होगा. मैरी का उस महल में रहना और इज्‍जत पाना भी इसी बात पर निर्भर करता था कि क्‍या वो राजवंश को उसका उत्‍तराधिकारी दे पाती है.

मैरी की संतान लड़की हुई और क्रोधित राजा ने उसे अपने महल से निकालकर वापस उसके पिता के घर भेज दिया. इसकी बाद बारी आई मैरी की बहन ऐन की. लेकिन ऐन ने बिना विवाह के राजा की मिस्‍ट्रेस बनने से इनकार कर दिया. ऐन ने कहा कि राजा तभी उसे हाथ लगा सकता है, जब वह उससे विवाह कर उसे इंग्‍लैंड की रानी का दर्जा दे.

किंग हेनरी ने ऐन से शादी कर ली. ऐन महारानी तो बन गई, लेकिन वो जानती थी कि इस पद पर बने रहने के लिए राजा को जल्‍द से जल्‍द एक बेटा देना कितना जरूरी था. विवाह के कुछ समय बाद ऐन गर्भवती हुई, लेकिन किस्‍मत ने उसका साथ नहीं दिया. ऐन की पहली संतान लड़की हुई.

जब ऐन गर्भ से थी तो एक एस्‍ट्रोलॉजर ने भविष्‍यवाणी की थी कि इस बार बेटा ही पैदा होगा. पहले से सबको भेजे जाने वाले सूचना पत्र भी लिखवा दिए गए थे, जिसमें प्रिंस के आगमन का शुभ समाचार था. लेकिन लड़की के जन्‍म के बाद जल्‍दबाजी में उसे बदलवाकर प्रिंस से प्रिंसेज करवाया गया.

किंग हेनरी और ऐन बोलेन्‍य की इस पहली संतान का नाम उसकी दादी और नानी दोनों के नाम पर एलिजाबेथ रखा गया, जो आगे चलकर इंग्‍लैंड की पहली महारानी एलिजाबेथ प्रथम बनी.
मैरी बोलेन्‍य

ऐन की कहानी में आया त्रासद मोड़
जब ऐन राजा को बेटा दे सकने में सफल नहीं हुई तो किंग हेनरी का उससे भी विमोह हो गया. राजा ने ऐन के महल में जाना बंद कर दिया और ज्‍यादातर समय वेश्‍याओं के साथ बिताने लगा. ऐन चूंकि राजा की ब्‍याहता पत्‍नी और इंग्‍लैंड की रानी थी तो वो उसे ऐन की बड़ी बहन मैरी की तरह राजमहल से निकाल नहीं सकता था.

लेकिन इंग्‍लैंड की उस पहली महारानी की मां की कहानी बहुत त्रासद है. पहली लड़की के जन्‍म के बाद ऐन एक बार फिर प्रेग्‍नेंट हुई, लेकिन इस बार वक्‍त से पहले ही गर्भपात हो गया. हेनरी का मन अब पूरी तरह उचट चुका था. वो ऐन को तलाक देकर दूसरी शादी करने का मन बना रहा था. ऐन को अपने सिर पर मंडरा रहे खतरे का पूरा इलहाम था. उसे जल्‍द से जल्‍द राजा को एक पुत्र संतान दे देनी चाहिए थी, वरना इस राजमहल में वह ज्‍यादा दिनों की मेहमान नहीं थी. कछ इतिहासकारों ने लिखा है कि एलिजाबेथ के बाद ऐन के दो और बच्‍चे गर्भावस्‍था के दौरान ही खत्‍म हो गए.

फिर ऐन एक बार और प्रेग्‍नेंट हुई, लेकिन इस बार फिर वही हुआ. यह प्रेग्‍नेंसी काफी नाजुक थी. एक दिन किसी और स्‍त्री को किंग हेनरी की गोद में बैठा देख ऐन को इतना सदमा पहुंचा कि उस सदमे से उसका गर्भपात हो गया. वह काफी डर गई और उसने इस गर्भपात की बात किसी को बताई नहीं. लेकिन पूरे राज्‍य को खबर थी कि महारानी गर्भ से हैं. ऐन ज्‍यादा समय तक अपने गर्भपात की बात छिपा नहीं सकती थी. लोगों को देर-सबेर पता चल ही जाता कि वह प्रेग्‍नेंट नहीं है. और राजा को ये बात पता चलने का मतलब था कि अब वह उसे तलाक देने में ज‍रा नहीं हिचकेगा. ऐन्‍य बहुत डर गई थी. उसे लगा कि अपनी बहन मैरी की तरह उसका भी अंत उस छोटे से गांव में होगा. वह किसी भी हाल इंग्‍लैंड की महारानी होने का गौरव छोड़ना नहीं चाहती थी.

जब ऐन ने रचा वो षड्यंत्र
ऐन को कुछ भी करके अपने गर्भपात की खबर को छिपाना था. न सिर्फ छिपाना, बल्कि तुरंत ही फिर से गर्भवती हो जाना. लेकिन ये कैसे हो भला? किंग हेनरी तो यह सोचकर कि ऐन गर्भवती है, उससे शारीरिक रूप से दूर रहता था.

इसलिए ऐन ने किसी और के साथ संभोग के जरिए पुन: गर्भ धारण करने के बारे में सोचा.

ऐन ने ऐसा सिर्फ इस डर से किया क्‍योंकि एक बार इस गर्भपात की खबर राजा को लग जाती तो लड़का पैदा कर सकने की सारी संभावनाओं का अंत हो जाता. इस संभावना के अंत का मतलब था कि ऐन न हेनरी की पत्‍नी रहती और न इंग्‍लैंड की महारानी. इतिहासकारों ने लिखा है कि ऐन ने बहुत डर, सदमे और बेहोशी की हालत में ऐसा खतरनाक कदम उठाया था. वह जानती थी कि अगर यह खबर लीक हुई या किसी को भी इस बात का पता चला कि कोई और पुरुष महारानी के महल में दाखिल हुआ है तो उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा.

अंतत: यही हुआ भी.

ऐन ने किसी और बाहरी पुुरुष पर भरोसा करने की बजाय इस काम के लिए अपने भाई को ही चुना. भाई बहुत उलझनों और तकलीफ के बाद आखिरकार सिर्फ अपनी बहन की जिंदगी और उसकी शादी बचाने के लिए इस बात पर राजी हुआ, फिर भी ऐन मौके पर उसने हथियार डाल दिए. ऐन और उसके भाई के बीच कभी कुछ नहीं हुआ था, लेकिन जासूसों और दुश्‍मनों से भरे उस महल में ये खबर राजा तक पहुंच गई.

इंग्‍लैंड की पहली महिला शासिका एलिजाबेथ प्रथम

ऐन पर चला मुकदमा और मौत ही सजा
ऐन पर एडल्‍टरी का मुकदमा चला और उसे मौत की सजा सुनाई गई. ऐन ने आजीवन अपने पति किंग हेनरी के अलावा और किसी का स्‍पर्श नहीं किया था. ऐन ने अपनी शादी और महारानी का पद बचाए रखने के लिए जो योजना बनाई थी, वो कभी पूरी नहीं हुई, लेकिन उसे मौत की सजा जरूर मिली. मरने से पहले किंग हेनरी को लिखे अपने आखिरी खत में ऐन ने लिखा-

"डियर लॉर्ड, मैं आजीवन आपके प्रति बहुत ईमानदार और समर्पित रही हूं. मैंने आपको इतनी निष्‍ठा और गहराई से प्रेम किया है, जैसा शायद ही इतिहास में किसी स्‍त्री ने किया हो."

17 मई, 1536 को महल के बाहर लोगों की भारी भीड़ के बीच उसका सिर धड़ से अलग कर दिया गया.

ऐन की मृत्‍यु के 22 साल बाद 1558 में उसकी बेटी एलिजाबेथ इंग्‍लैंड की पहली महिला शासिका बनीं- क्‍वीन एलिजाबेथ प्रथम. एलिजाबेथ आजीवन अविवाहित रहीं.

ऐन की मृत्‍यु के बाद किंग हेनरी ने चार और औरतों से विवाह किया, जिनमें से एक जेन ने उसे एक बेटे के नायाब तोहफे से भी नवाजा. बेटा एडवर्ड 1547 में इंग्‍लैंड का राजा बना भी, लेकिन 1533 में महज 16 साल की उम्र में उसकी मृत्‍यु हो गई.

ऐन्‍य बोलेन्‍य की कहानी ब्रिटिश राजशाही के इतिहास की वह कहानी है, जिसे अब कोई याद नहीं रखना चाहता, लेकिन जो कहानी बार-बार दोहराई जानी चाहिए ताकि इतिहास को हम भूलें नहीं.

किताबें, जिनसे इस आलेख की सामग्री जुटाई गई-

1- लाइफ एंड डेथ ऑफ ऐन बोलेन्‍य – एरिक ईव्‍स

2- टू डाई फॉर – ए नॉवेल ऑफ ऐन बोलेन्‍य – सैंड्रा बर्ड

3- द पॉलिटिक्‍स ऑफ मैरिज – डेविड लोड्स


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