सबसे बड़ा निरपेक्ष
समान नागरिक संहिता’ का विचार ‘सुपर हिट’ है। एक चर्चा में एक बड़े वकील कहिन कि जल्दी लाओ ‘समान नागरिक संहिता’, लेकिन ये नहीं लाएंगे।
सुधीश पचौरी; समान नागरिक संहिता' का विचार 'सुपर हिट' है। एक चर्चा में एक बड़े वकील कहिन कि जल्दी लाओ 'समान नागरिक संहिता', लेकिन ये नहीं लाएंगे। ये उसे खदकाते रहेंगे। फिर पूर्व कांग्रेस सांसद वकील बोले : 'समान नागरिक संहिता' जरूरी! एक पूर्व जज भी यही लाइन देते रहे कि सब धर्मों का सार लो और बना लो…
बुलडोजर अब एक डरावना मनोरंजन है। उसके चलने की घोषणा मात्र से सफाई होने लगती है। खबर रही कि शाहीनबाग में बुलडोजर चलने वाला है, फिर खबर आती है कि पुलिस का पर्याप्त बंदोबस्त न होने के कारण अभी बुलडोजर नहीं चलेगा!
डराते रहो। हिलाते रहो। कड़ाही खदकाते रहो! इतना काफी है! शाहीनबाग का एक 'अतिक्रमणकर्ता' कहता है : कई बार तोड़े हैं, हम फिर बना लेते हैं, फिर बना लेंगे हा हा हा!
बहसें फिर करौली, फिर खरगोन, फिर जोधपुर, फिर भीलवाड़ा पर और एक सवाल दुहरता हुआ कि मतलूब अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया… हमने उसे नहीं पकड़ा, तो तुमने भी तो उसे नहीं पकड़ा… कानून इसी तरह अपना काम करता है और करेगा!
हिंदी तो हिंदी, अंग्रेजी चैनलों की भी हर बहस में 'सांप्रदायिकता' खुल कर खेलती है! हर बहस में हिंदू 'हिंदू' की तरह बोलता है और मुसलमान 'मुसलमान' की तरह बोलता है और एक-दूसरे पर आरोप भी लगाते रहते हैं कि तुम बहस को 'सांप्रदायिक' बना रहे हो, कि तुम बना रहे हो।
और इन दिनों तो बहसों में कोई न कोई सैंतालीस के विभाजन की भी याद दिलाने लगता है! इन दिनों हर खबर झगड़े वाली (कान्फ्लिक्चुअल) और खूंखार नजर आती है। एक एंकर भारत के बारे में अमेरिकी ब्रांड 'यूएससीआरएफ रिपोर्ट' की खबर लेता है कि वह भारत को एक 'हिंदू बहुसंख्यक फासीवादी' राज्य बताती है। भाजपा प्रवक्ता कहता है कि यह एक लाबी का शुद्ध 'एंटी इंडिया' दुष्प्रचार है!
ऐसी ही बहस में एक भुक्तभोगी कश्मीरी एक्टिविस्ट कहने लगती है कि ये अमेरिकी मीडिया कभी भारत का हमदर्द नहीं रहा, आजकल वह भारत को 'हिंदुत्ववादी फासिस्ट' कहता है, जबकि कश्मीरी पंडितों के जनसंहार पर वह कभी न बोला। लेकिन इन दिनों इतना फर्क जरूर आया है कि हिंदू सबाल्टर्न, जो कभी नहीं बोलता था, अब अपने लिए बोलने लगा है। इसीलिए इतनी बौखलाहट है।
हाय बाबूगीरी तेरे सदके! एक दिन 108 रिटायर्ड बाबुओं का, तो एक दिन 197 रिटायर्ड बाबुओं का! एक पैनलिस्ट ने 108 पर चुटकी ली है कि ये बाबू लोग जब तक पद पर रहे, सत्ता की मलाई चाटते रहे, तब तक ठीक था। अब जब नहीं मिल रही तो रो रहे हैं!
राज ठाकरे फार्म में हैं। वे औरंगाबाद में बड़ी रैली करते हैं और चेतावनी देते हैं कि अगर तीन मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर न हटे तो… पुलिस कहती रही कि अगर उनके भाषण में कुछ आपत्तिजनक हुआ, तो कार्रवाई होगी… गैरजमानती वांरट तो निकाला, लेकिन हुआ कुछ नहीं!
लेकिन सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा एक बार कानूनी लपेटे में आए, तो जल्दी निकल न सके। पहले अदालत ने फैसला सुरिक्षत किया, फिर वह टाइम से न आ सका। इस तरह बारह दिन जेल में रहना पड़ा! जमानत मिली, तो वह भी सशर्त! रिहाई के वक्त नवनीत की तबियत खराब। अस्पताल में भर्ती! और, आश्चर्य कि उनको देखने सिर्फ सोमैया पहुंचे! अब मकान पर कार्रवाई की संभावना! सत्ता से पंगा भारी!
एक दिन एक खालिस्तानी परवाना पंजाबी में बोल उठता है : पहले तो महौल खराब करना, नहीं करना तो चुप रहना नहीं, खालिस्तान जिंदाबाद!
इसी तरह एक दिन कर्नाटक के एक गांव के मुसलमान इकठ्ठे होकर नारा लगाते हैं : 'ये छोटा पाकिस्तान जिंदाबाद… अब आएगा मजा!'
इस बीच प्रधानमंत्री के जर्मनी दौरे के दौरान 2024 के लिए भारतवंशियों ने एक नया नारा ही दे डाला : 'टू ट्वेंटी फोर! मोदी वन्स मोर!'
और अंत में हैदराबाद के एक चौराहे पर 'सुलताना' उर्फ 'पल्लवी' के पति नागराजू को सुलताना के भाई मोबीन और अन्य चार ने सरेआम 'लिंच' कर दिया! सुलताना उसे बचाने के लिए लड़ती रही, लेकिन सब बेकार! उसे बता दिया गया था कि वे उसे मारेंगे और मार दिया!
और लीजिए! यूपी से लाउडस्पीकर हटाने की नीति के लिए योगी की उन्होंने भी तारीफ की, जो उनको कल तक 'फासिस्ट' कहते थे! एक एंकर ने उनको 'सबसे बड़ा सेक्युलर' बताया!