तांडवी तेज हुंकार उठा है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म किये जाने के बाद राज्य की राष्ट्रीय

आदित्य चौपड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म किये जाने के बाद राज्य की राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल राजनीतिक दलों को इस बात का अहसास हो चुका है कि अब 370 की वापसी नहीं हो सकती। चुनावी राजनीती के लिए भले ही वह कुछ भी बयानबाजी करते रहें। अनुच्छेद 370 की वापसी असंभव है। इस सत्य को उन्होंने स्वीकार भी कर लिया है। जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक कर कश्मीरी राजनीतिक दलों से दिल खोलकर बात की उससे जम्मू कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा देने की उम्मीद काफी बढ़ी है। राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुरूआत होना भी तय है। राज्य में शांति बहाली को लेकर भी रोडमैप तैयार कर लिया गया। इसी बीच आतंकी वारदातें तेज हो गई हैं। साफ है की पाकिस्तान और उसके अन्य प्रतिष्ठानों को तकलीफ हुई। जिस तरह से जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन के टैक्निकल एरिया पर ड्रोन से हमला किया गया। वह पूरी तरह से सुनियोजित था। यह हमला भारतीय सुरक्षाबलों को एक चुनौती है। इस घटना के 24 घंटे के भीतर ही आतंकियों ने कश्मीर के पुलवामा में पूर्व एसपीओ फैयाज अहमद, उनकी पत्नी और बेटी की गोली मार कर हत्या कर दी। फैयाज का बेटा सेना में है। इससे पहले भी आतंकियों ने श्रीनगर के बाहरी इलाके नौगाम में पुलिस इंस्पैक्टर परवेज अहमद डार की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी जब वह नमाज अदा करने जा रहे थे। गत 17 जून को जम्मू-कश्मीर के जवान जावेद अहमद की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह जवान एक जज के पीएसओ के तौर पर नियुक्त था। यह घटनाएं पाकिस्तान की बौखलाहट और उसके संरक्षण में पल रहे आतंकी संगठनों की हताशा का ही नतीजा है। 14 फरवरी 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीयसेना की बालाकोट आतंकी शिविर पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान को पूरी दुनिया में शर्मसार होना पड़ा था। उसके बाद 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम ने कश्मीर मुद्दों ने पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया। पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से खुद को अलग करने और आतंकी ढांचा नष्ट करने का अंतर्राष्ट्रीय दबाव लगातार बढ़ रहा है। अमेरिका की सहायता बंद होने से पाकिस्तान भीख का कटोरा लेकर चीन के पास पहंुचा और पाकिस्तान के हुक्मरानो ने अपने देश को चीन के हाथों में गिरवी रख दिया।