पहाड़ की परंपराओं की तहें खोलता कहानी संग्रह
अन्य महत्त्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर भी संग्रह की कहानियां अपनी बेबाक राय सिद्ध करने में कामयाब होती हैं
पुस्तक समीक्षा:
पहाड़ की परंपराओं की तहें खोलता कहानी संग्रह शिमला से संबद्ध हिमाचल की प्रसिद्ध साहित्यकार डा. देवकन्या ठाकुर का कहानी संग्रह 'मोहराÓ पहाड़ में प्रचलित परंपराओं की तहें खोलता हुआ उनके भीतर की एक अलग ही दुनिया से अवगत कराता है। बाहर से बिल्कुल सभ्य और अभ्युचित से दिखने वाले पहाड़ी समाज की गांठें खोलती कहानियां पाठक के भीतर एक गूंज की तरह ठहर जाती हैं। सभी कहानियां शिल्प, भाषा-शैली और तेवर की दृष्टि से मंझी हुई और सधी हुई हैं। इन कहानियों में लेखिका ने यथार्थ और कलात्मक प्रयोग को नई ऊंचाई दी है। संग्रह की कहानियां जहां स्त्री विमर्श पर मुखर होकर परंपराओं और संस्कृतियों से जुड़ी पहाड़ी स्त्री के संघर्ष और मन:स्थितियों को उकेरने में सफल होती हैं, वहीं अन्य महत्त्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर भी संग्रह की कहानियां अपनी बेबाक राय सिद्ध करने में कामयाब होती हैं।