कुत्तों का राज योग
पिछले दिनों एक खबर सुर्खियां बनीं कि एक आईएएस पति-पत्नी का तबादला कर दिया गया क्योंकि उन्होंने अपने कुत्ते को घुमाने के लिए स्टेडियम खाली करवाया।
किरण चोपड़ा: पिछले दिनों एक खबर सुर्खियां बनीं कि एक आईएएस पति-पत्नी का तबादला कर दिया गया क्योंकि उन्होंने अपने कुत्ते को घुमाने के लिए स्टेडियम खाली करवाया। दूसरी तरफ एक आईएएस ऐसे भी डिप्टी कमिश्नर कीर्ति जल्ली का उदाहरण देना चाहूंगी जो असम के कछार जिले में कार्यरत हैं और अपनी सादगी की वजह से पूरे देश में एक उदाहरण हैं। मुझे अपनी जिन्दगी के अनुभव से एेसे लगता है कुछ कुत्ते राज योग लेकर पैदा होते हैं। जैसे यह दम्पति का कुत्ता जिसके लिए स्टेडियम खाली करवाया जाता था। मेरे मायके में मेरे पापा को कुत्ते और अच्छी गाय रखने का बहुत शौक था। मेरे भाई-बहनों को भी अच्छे लगते थे परन्तु मुझे बिल्कुल नहीं। मुझे हमेशा यह लगता था इसकी जगह एक गरीब को पाल लें परन्तु कुत्ते प्रेमियों को यह बात गवारा नहीं। चाहे मेरे घर के सदस्य हों। यहां तक कि मेरे पापा ने मेरे ससुर जी को एक प्यारा सा कुत्ता दिया, जिसका नाम लिजी रखा गया और वह सब घर के सदस्यों को बहुत प्यारा था।मैं अपने बच्चों के लिए बहुत सख्त थी कि कुत्ता नहीं रखने दूंगी परन्तु अखबार की वजह से बहुत से ज्योतिषि मिलने आते हैं तो मेरे बड़े बेटे ने ज्योतिष को सीखा दिया कि आपके 3 बेटे हैं नजर लगती है एक काला कुत्ता रखना जरूरी है। सो ममता की मारी मैंने हां कर दी। बस फिर क्या था पहले एक फिर दो...फिर अनेक घर पर 2 कुत्ते, फार्म में 10 कुत्ते, उसके आगे तीनों बेटे फिर मेरी बहू सोनम के उसके दोनों बेटों को भी कुत्तों से बहुत प्यार। एक दिन सारे बहुत ही उदास थे, रोने वाली शक्लें थीं। मुझे लगा बड़ा हादसा हो गया है। पता करने पर पता चला उनका टाइगर बीमार है। बड़ा सिरियस है, उसे ड्रीप लगी है। वाकई ही बहुत प्यार है, उनका अपने कुत्तों से। मैं कभी हाथ भी नहीं लगाती, परन्तु फिर भी मेरे दरवाजे पर आकर बैठते हैं। कुत्तों को इतनी समझ होती है कि यह घर की बड़ी या मालकिन है।मेरी एक मित्र की बेटी अपना कुत्ता अमेरिका जाते वक्त कुत्ता उसके पास छोड़ गईं। सुबह-शाम दो बार फोन आता है कि मेरी हेजल (उसको अपनी लड़की की तरह पाल रही है) का क्या हाल है वो इतनी परेशान है कि मेरा एक बार भी हाल नहीं पूछती बस अपने कुत्ते के लिए फोन करती है। दूसरा एक मेरी मित्र के बेटे-बहु ने जो कनाडा में हैं ने निश्चय कर िलया है कि वो बच्चा पैदा नहीं करेंगे कुत्ता पालेंगे और उन्होंने कुत्ता जो बहुत महंगा है खरीद लिया। वाह क्या राज योग है उस कुत्ते का। आजकल तो कई लोगों की पहचान कुत्तों से है। यानि शर्मा जी जिनके घर लैबरा डॉग है। गुप्ता जी जिनके घर रोडवाइलर है या जैन साहब जिनके घर पोमेरियन है, सिंह साहब जिनके घर जर्मनशैपर्ड है। अजीब बात है कि अच्छे घरों के कुत्ते राज योग लेकर पैदा होते हैं। उनके लिए ए.सी. के कमरे हैं, स्पेशल डॉग फूड है। छोटे बच्चों के लिए खिलौने या चबाने वाली स्टिक्स हैं। उनके सर्दियों के कपड़े हैं। यहां तक कि कई लोगों का बिजनेस है। कुत्तों के एसेसरीज का, उनकी बैल्ट, गले का पट्टा, बैठने की टोकरी, सोने का बिस्तर इत्यादि। जब मैं अमेरिका थी तो मेरे बेटे का दोस्त आया, पता चला अमेरिका में बहुत बड़ा कारोबार है। कुत्तों की एसेसरीज का, क्या कमाल की बात है। चलो मन में सोचा अमीर घरों के कुत्ते आप तो राज कर ही रहे कइयों का पेट भी पाल रहे हैं। रोजी-रोटी भी दे रहे हैं। यही नहीं अमेरिका में जब मैं पैदल चल रही होती थी 99 प्रतिशत लोगों के साथ तरह-तरह के कुत्ते चल रहे होते थे परन्तु अच्छी बात यह कि वो रास्ते में गंद नहीं डालते। अगर उनको पोटी बगैरह आ जाए तो उनके मालिक प्लास्टिक की थैलियां लेकर साथ चलते हैं आैर खुद साफ करते हैं। वाह! है न राज योग।संपादकीय :काशी विश्वनाथ : शिव-शंकर-शम्भूआर्यन को क्लीन चिटमहंगाई रोकने के सरकारी उपायबड़े साहब की 'डॉग वॉक'यासीन के गुनाहों का हिसाबगुदड़ी के 'लाल' मोदीयूं ही नहीं कहते हैं कि कुत्ता डिप्रेशन और अकेलेपन कोे भी दूर करता है। यह तो मैंने देखा कि सचमुच इससे वफादार जानवर हो ही नहीं सकता। घर की रखवाली और मालिक से प्यार और वफादारी का कोई मुकाबला नहीं। विशेषकर सीनियर सिटीजन के लिए तो सचमुच बहुत लाभकारी है। मेरी एक सदस्या हैं नोएडा की शारदा सुशील जिसके पति का स्वर्गवास हो चुका है। वह 80 वर्षीय अकेली रहती हैं। उसकी बेटी ने उसे कुत्ता लेकर दिया, वो रोज-रोज मुझे सुबह 4 बजे अपने कुत्ते की वीडियो भेजती है और उनकी वीडियो में कुत्ते के प्रति प्यार जो झलकता है वो देखते बनता है। खास कर जब मुझे वो कहती हैं कि यह बहुत शरारती है, मेरे बगैर रह नहीं सकता। इसको छोड़कर मैं कहीं नहीं जा सकती। इसका कौन ख्याल रखेगा। सच में कुत्ते कइयों के लिए तनाव खत्म करने का काम करते हैं। पहले कहावत सुनी जाती थी कि कुत्ता है जो कुत्ता पाले, परन्तु अब है सुखी है जो कुत्ता पाले। न नजर लगे, न अकेलापन हो, भरपूर प्यार और वफादारी मिले।