संजय उवाच: क्या IPL को इस बार मिलेगा नया चैंपियन? 3 खिलाड़ी और टीमों के आस-पास घूमता था टूर्नामेंट

3 खिलाड़ी और टीमों के आस-पास घूमता था टूर्नामेंट

Update: 2022-05-09 11:24 GMT
पिछले कुछ वर्षों मे आईपीएल पर लिखा जाए या कहा जाए तो दो तीन बातें ही आम तौर पर सुर्खियों में होती थीं. चेन्नई सुपर किंग्स, मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु, महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा और विराट कोहली. लेकिन समय के चक्र का घुमाव देखिए, सिर्फ आरसीबी को छोड़कर बाकी दोनों टीमें प्लेऑफ की दौड़ में वेंटिलेटर पर टिकी हुई है. बेंगलुरु ने सनराइजर्स हैदराबाद से शनिवार का अहम मुकाबला जीतकर प्लेऑफ के लिए अपनी संभावनाए मजबूत कर ली हैं, लेकिन टीम के सुपरस्टार कप्तान पूरी तरह से फ्लॉप रहे हैं. विराट कोहली के बल्ले से पिछले 12 मैचों मे सिर्फ 1 अर्धशतक निकला है और अब तक उन्होंने 20 रन से कम की औसत से सिर्फ 216 रन बनाए हैं.
यही नहीं सनराइजर्स के खिलाफ कोहली कुल मिलाकर इस सीजन तीसरी बार खाता नहीं खोल पाए. यानी अगर बेंगलुरु प्लेऑफ की दहलीज पर हैं, तो विराट कोहली का योगदान उसमे न के बराबर है. चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान धोनी ने अब तक 11 मैचों मे सिर्फ 142 रन जोड़े हैं तो दूसरी तरफ मुंबई इंडियंस और टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा 10 मैचों मे 20 से कम की औसत से 200 रन का योग भी पार नहीं कर सके हैं. यानी कुल मिलाकर जिन टीमों और खिलाड़ियों के इर्द गिर्द सुर्खियां बनती थीं, वो इस बार पूरी तरह बेअसर हैं.
2011 से अलग है इस बार की कहानी
इस सीजन की खास बात आईपीएल में शामिल टीमों की संख्या 8 से बढ़कर 10 होना भी है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, 2011 मे भी इसी फॉर्मैट पर लीग सम्पन्न हुई थी. तब भी दो नई टीमे कोची टस्कर्स और पुणे वारियर्स इंडिया ने लीग में डेब्यू किया था, लेकिन टस्कर्स अगले ही सीजन बाहर कर दिए गए और पुणे का सफर भी लंबा नहीं चला. उस सीजन भी टीमों को लीग में उनके प्रदर्शन के आधार पर सीडिंग देकर दो ग्रुप मे बांटा गया और दोनों नई टीमों को अपने अपने ग्रुप मे नीचे की सीडिंग मिली. हालाकि लीग के दौरान उस सीजन में इन दोनों नई टीमों ने कुछ खास किया भी नहीं. 10 टीमों में से कोच्ची को 8वीं और पुणे वारीयर्स इंडिया को 9वीं पोजीशन से संतोष करना पड़ा. लेकिन इस बार कहानी जुदा है. जिन दो नई टीमों को लीग मे सबसे निचली पायदान पर रखा गया था, वह टॉप पर हैं. दोनों का प्लेऑफ मे पहुंचना भी तय है. दोनों ने अब तक खेले गए 11 मे से 8-8 मैच जीते हैं और 16-16 पॉइंट्स लेकर प्लेऑफ में दस्तक दे चुके हैं.
जमकर चल रहा राहुल का बल्‍ला
लखनऊ सुपर जाएंट्स बेहतर रनरेट के आधार पर टॉप पर हैं, जबकि गुजरात टाइटन्स अभी दूसरे नम्बर पर हैं. लखनऊ के लिए लोकेश राहुल का बल्ला लगातार चल रहा है और इसमें कोई नई बात भी नहीं है. आईपीएल के सबसे कामयाब बल्लेबाजों मे शामिल राहुल पिछले कुछ सीजन से रनों के मामले मे हमेशा सुर्खियों मे रहे हैं. पिछले 4 सीजन में से 3 बार उनके बल्ले ने एक सीजन मे 600 से ज्यादा रन बनाए हैं. 2019 के सीजन मे उन्होंने 600 मे सिर्फ 6 रन कम जोड़े यानी 593 रन बनाए. आईपीएल में अब तक 3200 से ज्यादा रन जोड़ चुके राहुल भारतीय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा 132 रन की पारी भी खेल चुके हैं. इस सीजन भी वो 50 से ज्यादा की औसत से 451 रन जोड़ चुके हैं. क्विंटन डी कॉक ने उनका बेशकीमती साथ दिया है और अब तक 344 रन बनाकर ओवरऑल बल्लेबाजों की फेहरिस्त मे छठें स्थान पर हैं. जब कप्तान ही फ्रन्ट से लीड करे, तो टीम का रंग ही बदल जाता है. पिछले मैच में केकेआर के खिलाफ राहुल खाता भी न खोल पाए और क्विंटन डीकॉक के गलत कॉल के चलते उन्हे रन आउट होना पडा, लेकिन इस दौरान राहुल की पेशानियों पर बल नही पड़े और उन्होंने उसे बहुत सहजता से लिया.
मजबूत तेज गेंदबाजों की जोड़ी
टीम के पास दीपक हुडा, आशुष बदोनी, क्रुणाल पंड्या और स्‍टोइनिस जैसे बल्लेबाज हैं, जो जरूरत पड़ने पर रनों की गति को बढ़ा सकते हैं. रही बात गेंदबाजों की तो मोहसिन खान और आवेश खान के रूप मे टीम के पास मजबूत तेज गेंदबाजों की जोड़ी है. मोहसिन ने अब तक 9 और आवेश ने टीम के लिए सबसे ज्यादा 14 विकेट लिए हैं. जेसन होल्डर भी टीम के लिए उपयोगी है और गेंदबाजी में उनका वैरिएशन और तजुर्बा दोनों बोलता है. मंगलवार को लखनऊ सुपर जाएंट्स का मुकाबला, टेबल में नंबर दो की टीम गुजरात टाइटन्स के साथ होगा. इस मुकाबले को प्लेऑफ का रिहर्सल भी माना जा सकता है. लखनऊ सुपर जाएंट्स के साथ ही दूसरी नई टीम गुजरात टाइटन्‍स कमाल कर रही है. जिस समय हार्दिक पांड्या को 15 करोड़ मे खरीदकर टीम का कप्तान चुना गया था, कुछ क्रिकेट पंडितों ने नाक मुंह सिकोड़े थे.
3 बल्‍लेबाज 300 से ज्‍यादा का कर चुके हैं स्‍कोर
हालांकि हार्दिक पांड्या की गुजरात टीम पिछले लगातार 2 मुकाबले हार चुकी है, अन्यथा टॉप पर होती. इस टीम के लिए बेहतर यह है कि इसके 3 बल्लेबाज 300 से ज्यादा स्कोर कर चुके हैं और टीम किसी खास खिलाड़ी पर निर्भर नहीं है. कप्तान हार्दिक पांड्या, शुभमन गिल और डेविड मिलर ने अब तक बल्ले से छाप छोड़ी है. गेंदबाजी मे मोहम्मद शमी लगातार नए मानक स्थापित कर रहे हैं और अब तक 15 विकेट ले चुके हैं. करामाती राशिद खान की मौजूदगी गेंदबाजी में विविधता लाती है, तो लॉकी फर्ग्‍युसन शुरुआती ओवर में सामने वाली टीम को झटके देने की कोशिश करते हैं. न सिर्फ यह टीम संतुलित है, बल्कि इसका हर पुर्जा वेल ऑइल्ड मशीन की तरह काम कर रहा है.
राजस्‍थान और आरसीबी भी प्‍लेऑफ की मजबूत दावेदार
लखनऊ सुपर जाएंट्स और गुजरात टाइटन्स के बाद बचे हुए दो स्थानों के लिए दो सॉलिड दावेदार हैं. राजस्थान रॉयल्स को बाकी बचे 3 मैचों में से और आरसीबी को दो में से एक जीतकर भी प्लेऑफ मे एंट्री मिल सकती है. अगर देखा जाए तो हालात ऐसे भी हैं कि यह दोनों टीमे बिना कोई मैच जीतकर भी प्लेऑफ मे पहुंच जाए. लेकिन तब इन्हे लेकिन, किन्तु, परंतु पर निर्भर रहना पड़ सकता है. यानी दूसरी टीमों की हार और जीत से बन रहे समीकरण पर निर्भर रहना पड़ेगा. ऐसा लगता है कि कोई बड़ा उलटफेर न हुआ तो अभी जो चार टीमे पॉइंट्स टेबल के टॉप मे हैं, उनका प्लेऑफ मे जाना तय दिखाई दे रहा है. बाकी तीन टीमे भी अब तक 10-10 पॉइंट्स लेकर रेस मे कायम हैं, लेकिन इनमे दिल्ली की स्थिति रविवार रात तक थोड़ा बेहतर थी, क्योंकि टीम ने एक मैच कम खेला था. लेकिन चेन्नई के हाथों एकतरफा हार ने टीम की संभावनाओ पर कुठाराघात किया है.
बेंगलुरु की तुलना में दिल्‍ली का रन रेट बेहतर
ऋषभ पंत की टीम दिल्‍ली अभी 5वे नंबर पर है और यदि पिछला मैच जीते होते तो संभावनाए बेहतर बन सकती थी. फिर बेंगलुरु की तुलना में उसका नेट रन रेट अब भी बेहतर है. उधर आरसीबी से हारकर सनराइजर्स को शनिवार को बड़ा नुकसान हुआ और उम्मीदो पर तुषारापात भी. पंजाब को चमत्कार की जरूरत होगी, जबकि दिलचस्प यह कि 14 मे से 11 खिताब जीत चुकी 3 टीमे अब रुखसती के दरवाजे पर खड़ी है. मुंबई इंडियंस ने सबसे ज्यादा 5, चेन्नई सुपर किंग्स ने 4 और कोलकाता नाइट राइडर्स ने 2 बार आईपीएल का खिताब जीता. विडंबना यह भी कि इन तीनों टीमों के सिर्फ 2 बल्लेबाज रन बनाने के मामले मे टॉप 10 की फेहरिस्त मे शामिल है. कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान श्रेयस अय्यर 11 मैचों मे 330 रन बनाकर 9वें और मुंबई इंडियंस के तिलक वर्मा 10 मैचों मे 328 रन बनाकर 10वें पायदान पर हैं. जबकि कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए उमेश यादव विकेट लेने के मामले मे एकमात्र ऐसे गेंदबाज हैं, जो टॉप 15 मे शुमार हैं. कुल मिलाकर इन टीमों को आने वाले सीजन मे अपने संतुलन और संयोजन पर बारीकी से काम करना होगा, अन्यथा अपने अतीत पर इतराने के अलावा इनके पास और कोई विकल्प नहीं बचेगा.

(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए जनता से रिश्ता किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)

संजय बैनर्जी
ब्रॉडकास्ट जर्नलिस्ट व कॉमेंटेटर. 40 साल से इंटरनेशनल मैचों की कॉमेंट्री कर रहे हैं.
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