शौक के जोखिम

एक खबर के मुताबिक, एक इमारत में लिफ्ट के बाहर कुत्ते ने बच्चे को काट लिया और उसकी मालिक ने बच्चे के बचाव में कुछ नहीं किया। जबकि कुत्ते के काटने पर बच्चा उस महिला के सामने कराहता रहा। अक्सर बड़े शहरों में अमीर लोगों को कुत्ता पालने का शौक रहता है, पर वह कुत्ते को घुमाने-फिराने के सिवा कुछ भी नहीं सिखाते हैं।

Update: 2022-09-09 05:36 GMT

Written by जनसत्ता; एक खबर के मुताबिक, एक इमारत में लिफ्ट के बाहर कुत्ते ने बच्चे को काट लिया और उसकी मालिक ने बच्चे के बचाव में कुछ नहीं किया। जबकि कुत्ते के काटने पर बच्चा उस महिला के सामने कराहता रहा। अक्सर बड़े शहरों में अमीर लोगों को कुत्ता पालने का शौक रहता है, पर वह कुत्ते को घुमाने-फिराने के सिवा कुछ भी नहीं सिखाते हैं। लिफ्ट के पास महिला उस कुत्ते के साथ थी। उसी लिफ्ट में स्कूली बच्चा भी आया। तब उस बच्चे को देखकर कुत्ता न केवल भौंका, बल्कि फिर उसने उसे काट भी लिया।

बच्चा महज दस साल का था। अपना बचाव नहीं कर सका। तब हमारा यही कहना है कि कुत्ते की मालिक महिला की जिम्मेदारी थी कि वह अपने कुत्ते को बच्चे से दूर रखती और बच्चे को भी उससे दूर रहने के लिए सावधान करती। पर उसने ऐसा नहीं किया। इसलिए सारा दोष कुत्ते की मालिक का ही माना जाना चाहिए। फिर एक ही बिल्डिंग में रहने के कारण उस महिला को उस बच्चे के प्रति तो अवश्य सुरक्षा का भाव रखना था। सवाल है कि कुत्ता पालने वाले किसी व्यक्ति के भीतर की सामान्य और बुनियादी इंसानी संवेदना ऐसे समय में कहां चली जाती है और क्यों चली जाती है? एक पशु को प्यार करने और उसका खयाल रखने वाले लोग किसी तबके या इंसान के प्रति इतने संवेदनहीन कैसे और क्यों हो जाते हैं?

कहा जा रहा है कि कुत्ते का टीकाकरण हो गया था, पर इससे क्या होता है? बच्चे को कुत्ते ने जिस तरह काट लिया और जख्मी कर दिया उसका जवाबदेह कौन होगा? इसलिए आज बढ़ती आबादी के माहौल में जहां आज इंसानों का रहना भी काफी मुहाल हो रहा है, ऐसे में जानवर, विशेष रूप से कुत्ता पालना अनुचित ही माना जाना चाहिए। इनकी देखभाल करना आज काफी मुश्किल एवं परेशानी का सबब है। महानगरों में जहां आज बड़ी-बड़ी इमारतों में आम नागरिक रहते हैं। जगह की वैसे भी काफी कमी महसूस की जाती है, जहां कुत्ते को घुमाने-फिराने तक की जगह नहीं मिलती है।

इसलिए घरों एवं सोसाइटी में कुत्ते पालना आज काफी दुष्कर है। ऐसे में फिर ये कुत्ते किसी को काट ले तो वह तो काफी दुख की बात ही कही जाएगी।अक्सर सोसाइटी में खेलते बच्चे इन कुत्तों का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा, ऐसी खबरें भी अक्सर आती रहती हैं कि किसी बच्चे को या बुजुर्ग को आवारा कुत्तों ने काट लिया या नोंच कर मार डाला। बड़े शहरों-महानगरों में कुत्ते पालने के लिए नगर निगम को कई तरह के कड़े नियम भी बनाने चाहिए।

यह ध्यान रखने की जरूरत है कि इसका लाइसेंस जरूरी है। फिर इसके कारण सोसाइटी में किसी बड़े बुजुर्ग या कोई छोटे बच्चे को किसी तरह की तकलीफ न हो। आप कुत्ता लेकर भीड़भाड़ में भी नहीं घूम सकते हैं कुत्ते के मुंह पर जाली लगाना अनिवार्य है। फिर कुत्ता हर किसी पर आक्रामक न हो जाए बेवजह किसी पर भौंकने न लगे, यह सब बातें ध्यान रखना बेहद जरूरी है वरना आप पर दंड लगाया जा सकता है।

दुबई में हो रहे एशिया कप क्रिकेट के सुपर-4 के मुकाबले में श्रीलंका ने भारत को 6 विकेट से हरा दिया। इसके पूर्व पाकिस्तान ने भी भारत को हरा दिया था। इस तरह भारत के फाइनल में पहुंचने की आशा धूमिल हो गई है। विश्वकप और टेस्ट चैंपियनशिप में मिली हार के बावजूद भी बीबीसीआइ ने टीम की लचर और नाकाम बल्लेबाजी की समस्या को दूर करने के लिए प्रभावकारी कदम नहीं उठाया।

विराट कोहली को कप्तानी से हटा दिया गया। टीम में बल्लेबाज और गेंदबाज कोच को रखा जाता है, जिसका कोई फायदा देखने को नही मिलता। क्रिकेट खिलाड़ियों में आत्मविश्वास की कमी है। वे नर्वस भाव का शिकार हो जाते है। टीम में जीत की लय बरकरार रखने के लिए अच्छे खिलाड़ियों को बाहर नहीं बैठाना चाहिए। अच्छे खिलाड़ियों को बाहर बैठाने के दुष्परिणाम भारतीय क्रिकेट टीम में देखने को मिल रहे है। आम लोग चाहते हैं कि देश में आइपीएल क्रिकेट बंद हो। देश में ही प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन सरकारें और बीसीसीआइ को मिलकर करना चाहिए।


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