अनन्या जी के द्वारा अपनी जिंदगी के सबसे बुरे अनुभव पर लिखित लेख ‘मेरी मां को किसने मारा’ को पढक़र मन का विचलित होना स्वाभाविक ही है। लेकिन मैं उनके सरकारी अस्पताल के अनुभव को पढक़र निशब्द सा हो गया, क्योंकि जिस दिन अनन्या जी का लेख छपा, ठीक उसी दिन हिमाचल में रोबोटिक सर्जरी को लेकर एक छोटी सी मेरी बात भी छपी थी।
कहां तो हम अपने प्रदेश में रोबोटिक सर्जरी जैसी आधुनिक तकनीक से आम हिमाचली की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की इच्छा रखते हैं, पर सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि इसी दौर में हम एक साधारण से पेट दर्द के मरीज को सही समय पर सही इलाज मुहैया नहीं करवा पाए और फिर मरीज को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ता है। इसके लिए जिम्मेवारी तय की जानी चाहिए।
-राजेश राणा, बगलैहड़, नालागढ़
By: divyahimachal