पाकः स्थिरता दूर

पाकिस्तान में सरकार बदल गई है, लेकिन इससे वहां राजनीतिक स्थिरता कायम होने की संभावना बहुत कम है

Update: 2022-04-12 06:43 GMT
By NI Editorial
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के आह्वान पर रविवार रात जिस बड़े पैमाने पर पूरे देश में लोग विरोध जताने उतरे, उससे यह साफ संकेत मिला कि इमरान खान इस समय सबसे लोकप्रिय नेता हैँ। वे बड़ी संख्या में लोगों के मन मे यह बात बैठाने में सफल रहे है कि उन्हें हटाने की विदेशी साजिश रची गई है।
पाकिस्तान में सरकार बदल गई है, लेकिन इससे वहां राजनीतिक स्थिरता कायम होने की संभावना बहुत कम है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के आह्वान पर रविवार रात जिस बड़े पैमाने पर पूरे देश में लोग विरोध जताने उतरे, उससे यह साफ संकेत मिला कि इमरान खान इस समय पाकिस्तान में सबसे लोकप्रिय नेता हैँ। साथ ही वे बड़ी संख्या में लोगों के मन मे यह बात बैठाने में सफल रहे है कि उनकी सरकार को हटाने की विदेशी साजिश रची गई है। इस रूप में 'अमेरिका से आजादी' का जो नारा उछाला है, वह आने वाले दिनों में उनका एक कारगर राजनीतिक हथियार साबित हो सकता है। इमरान खान लगातार कहते आ रहे हैं कि उन्हें 'अमेरिकी साजिश' के तहत से सत्ता से बाहर किया गया है। उनके मुताबिक उन्होंने विदेश नीति पर अमेरिकी दबाव को मानने से इनकार कर दिया है। इसीलिए अमेरिका नहीं चाहता कि वह सत्ता में रहें। दूसरी तरफ, इमरान खान के आलोचकों का कहना है कि वह जनता की सहानुभूति पाने के लिए झूठी कहानियां रच रहे हैं। मगर ये कहानियां लोगों को आकर्षित कर रही हैं, इसमें शायद ही कोई शक है। गौरतलब है कि शनिवार देर रात पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया। इसके बाद शहबाज शरीफ के नेतृत्व में नई सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया।
पाकिस्तान कई हफ्तों से राजनीतिक और संवैधानिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार अपने खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए तैयार नहीं थी। इसकी बजाय स्पीकर ने इस प्रस्ताव को ही खारिज कर दिया और सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने संसद को भंग कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पहल पर इस मामले पर विचार किया। उसने इमरान खान को झटका देते हुए सर्वोच्च अदालत ने नेशनल असेंबली को बहाल किया और सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने का आदेश दिया। इस मतदान के दौरान 174 सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन किया, जो बहुमत से दो ज्यादा है। साझा विपक्ष पहले ही एलान कर चुका था कि शहबाज शरीफ क प्रधानमंत्री पद के लिए उसके उम्मीदवार होंगे। शाहबाज पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं और आबादी के लिहाज से पाकिस्तान के सबसे बड़े सूबे पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पाकिस्तान में अगले साल आम चुनाव होना तय है।
Tags:    

Similar News

-->