आदित्य चोपड़ा: उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में जिस तरह से देशभर के निवेशकों ने राज्य में निवेश करने की घोषणाएं की हैं उससे स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश अब निवेशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। राज्य के विकास के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। जिसके सार्थक परिणाम नजर आने लगे हैं। कभी बीमारू राज्य कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश की तस्वीर अब बदल चुकी है। 25 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश देश का ग्रोथ इंजन बन चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि यूपी प्लस योगी...यह बहुत है उपयोगी। वास्तव में योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हुए हैं। इस बार के निवेशक सम्मेलन में राज्य सरकार ने विभिन्न कंपनियों के साथ 18 हजार 643 एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। जिनके तहत 32.92 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। निवेश प्रस्तावों के मामले में अब उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश से भी आगे निकल गया है। रोजगार को लेकर भी उत्तर प्रदेश के आंकड़े मध्य प्रदेश से कहीं ज्यादा हैं। राज्य में 92 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। उत्तर प्रदेश में संभावनाएं तो पहले से ही मौजूद थी लेकिन पूर्व की सरकारों ने कभी इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया। कभी दौर था निवेशक आते थे और खामोशी से लौट जाते थे। उनकी राज्य में निवेश की कोई रुचि नहीं थी लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य को अपराध मुक्त, दंगा मुक्त तथा भय मुक्त बनाकर आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त किया। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के क्षेत्र में सबसे ज्यादा काम हुआ।पहले के दिन याद करें तो उस वक्त उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या कानून और व्यवस्था की थी। दुष्कर्म, हत्या, लूटपाट, भ्रष्टाचार ने राज्य को अपने शिकंजे में कस रखा था। इसका हल वर्तमान की राज्य सरकार के पास मौजूद था। इसलिए सरकार बनते ही यूपी में बड़े फेरबदल देखे गए थे। कई पुलिस अधिकारियों के तबादलों के साथ ही जुर्म पर जंजीर कसी गई। प्रदेश की देहात इलाकों की जनता को डकैतों और गुंडों के खौफ से भी मुक्ति दिलाई गई। बारी-बारी कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश में यूपी पुलिस ने कानून व्यवस्था में ऐसे तमाम सुधार किए जिनसे राज्य की छवि सुधरी। "सीएए के दौरान जिस तरह से उपद्रवियों से योगी सरकार ने निपटा वह वाकई काबिले तारीफ है। सार्वजनिक संपत्तियों को नुक्सान पहुंचाने वालों से वसूली इसकी मिसाल है। यूपी मॉडल आज देश की प्रगति का प्रतीक बन गया है। ऐसे में इसे देश के कोने-कोने तक पहुंचाना बहुत जरूरी है। यूपी जिस तरह का बदलाव देश में देख रहा है उसके कारण कानून व्यवस्था की स्थिति मजबूत और इन्वेस्टमेंट के लिए एक विश्वास पैदा हुआ है, जिसकी कल्पना आज से 6-7 साल पहले करना मुश्किल था। पहले जेलों से ही अपराधी वसूली किया करते थे और जमीनों पर कब्जे कराते थे, लेकिन, कानून-व्यवस्था मजबूत होने से अपराध में कमी आई है। अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे लोगों पर लगाम लगना इसके बड़े उदाहरण हैं।आज इस राज्य के पास आकर्षण के कई पहलू हैं। राज्य सरकार की बेतहर नीतियों के कारण अब उद्योग लगाना बहुत आसान है। सिंगल विंडो सिस्टम बहुत सफल रहा है। दिल्ली-आगरा, आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे ने राज्य को काफी आकर्षक बना दिया है। पहले उत्तर प्रदेश के लोग अन्य राज्यों में जाकर विकास में योगदान देते थे लेकिन अब इस राज्य की जमीन उनके लिए स्वर्णिम अवसर सृजित करने लगी है। आस्था और धार्मिक स्थलों के विकास, पारदर्शी कार्य पद्धति एवं त्वरित निर्णय लेने की क्षमता, सुरक्षित वातावरण ने भी निवेशकों को काफी हद तक आकर्षित किया है। योगी सरकार ने कृषि क्षेत्र में भी बहुत काम किया है।संपादकीय :नये राज्यपालों की नियुक्तिबाल विवाह : असम में बवालहम भारत के वासीइंसान हों या जानवर- आशियाना सबको चाहिएसंसदीय प्रणाली मजबूत रहेब्रिटेन को इस्लामी कट्टरपंथ से खतरासरकार द्वारा किसानों को गन्ने का भुगतान और कृषि क्षेत्र में कई नीतियों को लागू कर किसानों को काफी हद तक संतुष्ट किया है। पिछली सरकारों में आढ़तियों के जरिए उपज की खरीद होती थी लेकिन योगी सरकार किसानों से सीधे उपज खरीद रही है। राज्य में पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत सरकारी नौकरी दी गई। पूर्व की सरकारों के दौरान अफसरों के तबादले और तैनाती एक उद्योग बन गया था। हर पद बिकाऊ था और नियुक्तियों के लिए रेट तय था। उत्तर प्रदेश ने कारोबार में सुगमता लाने में भी लम्बी छलांग लगाई है। कारोबार सुगमता के मामले में राज्य अब दूसरे स्थान पर है। जो राज्य 6 साल पहले कारोबार सुगमता के मामले में 14वें स्थान पर था, वह अब दूसरे स्थान पर है। आज देश को तीव्र विकास की जरूरत है और यह विकास औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश के जरिए ही हो सकता है। उत्तर प्रदेश पर लगे दाग काफी हद तक धुल चुके हैं। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने की कल्पना आज संभव दिखाई देती है। उत्तर प्रदेश दुनिया का सबसे बड़ा श्रम बाजार बना है। पहले निवेश का अर्थ एनसीआर होता था लेकिन आज राज्य के सभी 75 जिलों में निवेश हुआ है। उत्तर प्रदेश के वैश्विक निवेश महाकुम्भ से राज्य को नई ऊंचाई मिली है। अब यह जरूरी है कि सत्तत निगरानी रख निवेश की प्रक्रिया को सहज बनाकर सफलता हासिल की जाए।
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