Vijay Garg : मोबाइल फोन की का इस्तेमाल करने वालों के दिमाग में यह ख्याल आता है कि कहीं इसके उपयोग से उन्हें कैंसर तो नहीं हो जाएग। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से किए गए अध्ययन ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है। आस्ट्रेलिया की परमाणु और विकिरण सुरक्षा एजेंसी द्वारा किए गए शोध में मोबाइल फोन के उपयोग और विभिन्न कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा किए गए और मंगलवार को प्रकाशित शोध में मोबाइल फोन से रेडियो तरंगों के संपर्क और ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और थायरायड और ओरल कैविटी सहित विभिन्न कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया। शिन्हुआ समाचार एजेंसी रिपोर्ट के अनुसार यह आस्ट्रेलियाई विकिरण सुरक्षा और परमाणु सुरक्षा एजेंसी (एआरपीएएनएसए) द्वारा की गई डब्ल्यूएचओ के दूसरे आयोग की व्यवस्थित समीक्षा थी। सितंबर 2024 में प्रकाशित पहली समीक्षा में मोबाइल फोन के उपयोग और मस्तिष्क व सिर के अन्य हिस्से के कैंसर के बीच संबंध की खोज की गई और उनके बीच किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं पाया गया। दोनों अध्ययनों के प्रमुख लेखक और एआरपीएएनएसए में स्वास्थ्य प्रभाव आकलन के सहायक निदेशक केन कारिपिडिस ने कहा कि नए शोध में मोबाइल फोन, फोन टावर और कैंसर के बीच संबंध पर सभी उपलब्ध साक्ष्यों का मूल्यांकन किया गया है। उन्होंने कहा कि शोधकर्ताओं को रेडियो तरंगों के संपर्क और विभिन्न कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं मिला, लेकिन टीम मस्तिष्क कैंसर पर समीक्षा की तुलना में परिणामों के बारे में निश्चित नहीं पाई गई।
कारिपिडिस ने कहा, ऐसा इसलिए क्योंकि इन कैंसर और वायरलेस तकनीक से रेडियो तरंगों के संपर्क के बीच संबंध के बारे में उतने सुबूत नहीं हैं। अध्ययन में योगदान देने वाले एआरपीएएनएसए के विज्ञानी रोहन मेट ने कहा कि इसके निष्कर्ष वायरलेस तकनीक और कैंसर के बारे में जनता को सूचित करने के लिए ज्ञान के भंडार के रूप में वृद्धि करेंगे। डब्ल्यूएचओ द्वारा दो व्यवस्थित समीक्षाएं वर्तमान में रेडियो तरंगों के संपर्क में आने से के स्वास्थ्य प्रभावों के मूल्यांकन को सूचित करेंगी।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कैंसर बीमारियों का एक बड़ा समूह है जो शरीर के लगभग किसी भी अंग या ऊतक में शुरू होता है, जब कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं और शरीर के आस-पास के हिस्सों पर आक्रमण करने के लिए अपनी सामान्य सीमाओं से आगे निकल जाती हैं। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य अंगों में फैल जाती हैं। बाद की प्रक्रिया को मेटास्टेसिसिंग कहा जाता है और यह कैंसर से मृत्यु का एक प्रमुख कारण है।
दुनिया भर में मौत का प्रमुख कारण है कैंसर कैंसर दुनिया भर में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। कैंसर के कारण 2018 में अनुमानित 96 लाख मौतें हुई हैं। यानी छह में से एक मौत कैंसर के कारण हुई। फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और लीवर कैंसर पुरुषों में होने वाले कैंसर के सबसे आम प्रकार हैं, जबकि ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल, फेफड़े, गर्भाशय व थायरायड कैंसर महिलाओं में सबसे आम हैं। कैंसर का बोझ दुनिया भर में बढ़ता जा रहा है, जिससे व्यक्तियों, परिवारों, समुदायों व स्वास्थ्य प्रणालियों पर जबरदस्त शारीरिक, भावनात्मक और वित्तीय दबाव पड़ रहा है। निम्न और मध्यम आय वाले देशों में कई स्वास्थ्य प्रणालियां इस बोझ को संभालने के लिए तैयार नहीं हैं दुनिया भर में बड़ी संख्या में कैंसर रोगियों को समय पर गुणवत्तापूर्ण निदान और उपचार नहीं मिल पाता है।
विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्राचार्य शैक्षिक स्तंभकार गली कौर चंद एमएचआर मलोट