नीति आयोग का हेल्थ इंडेक्सः सुधार की गुंजाइश
नीति आयोग की ओर से सोमवार को जारी चौथी हेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट कई दृष्टियों से गौर करने लायक है। सबसे पहले तो यही तथ्य ध्यान खींचता है कि लगातार चौथे साल ओवरऑल परफॉरमेंस के लिहाज से केरल टॉप पर रहा है।
नीति आयोग की ओर से सोमवार को जारी चौथी हेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट कई दृष्टियों से गौर करने लायक है। सबसे पहले तो यही तथ्य ध्यान खींचता है कि लगातार चौथे साल ओवरऑल परफॉरमेंस के लिहाज से केरल टॉप पर रहा है। इस कैटिगरी में यूपी इस बार सबसे निचले स्थान पर है। लेकिन इसी रिपोर्ट में राज्यों की इंक्रीमेंटल परफॉरमेंस भी देखी गई है और इस कसौटी पर केरल 12वें स्थान पर खिसका नजर आता है। इंक्रीमेंटल परफॉरमेंस यानी प्रदर्शन में सुधार के लिहाज से यूपी पूरे देश में अव्वल है। 43 में से 33 मानकों पर उसकी स्थिति पहले की अपेक्षा बेहतर पाई गई है। ध्यान रहे इस रिपोर्ट में बेस ईयर 2018-19 है और रेफरेंस ईयर 2019-20। इसका मतलब यह हुआ कि राज्यों में साल 2018-19 के मुकाबले 2019-20 की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को परखा गया है। केंद्र शासित क्षेत्रों की श्रेणी में यूपी जैसी ही स्थिति दिल्ली की पाई गई है। ओवरऑल परफॉरमेंस के मामले में यह सबसे फिसड्डी क्षेत्रों में है, मगर इंक्रीमेंटल परफॉरमेंस यानी प्रदर्शन में सुधार की दृष्टि से सबसे अग्रणी क्षेत्रों में शामिल है।