सतर्क हो जाना जरूरी
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट को इसे हलके में नहीं लिया जाना चाहिए
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट को इसे हलके में नहीं लिया जाना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग और दूसरी सावधानियों पर फिर गंभीरता से अमल होना चाहिए। आशा है, सरकार ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर से सबक लिया होगा। स्वास्थ्य व्यवस्था फिर कभी उस तरह धोखा ना दे, यह सुनिश्चित करना होगा।
दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट को लेकर दुनिया भर में चिंताएं बढ़ रही हैं। इस वेरिएंट में कई म्युटेशन हैं। इनकी वजह से वायरस के काम करने के तरीके में बड़े बदलाव आ सकते हैं। ये वैरिएंट कैसे असर करेगा और कितना खतरनाक होगा, यह कहना अभी मुश्किल है। लेकिन इसके शुरुआती संकेत चिंताजनक हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस वैरिएंट का नाम ओमीक्रोन रखा है और इसे चिंताकारक श्रेणी में रख दिया है। इसलिए भारत को तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए। अच्छी बात है कि केंद्र सरकार ने जरूरी तैयारियों पर विचार के लिए शनिवार को बैठक की। अब बेहतर होगा कि सरकार देशवासियों को इससे आगाह करने के लिए अभियान चलाए। लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और सावधानियों पर अमल के लिए फिर से प्रेरित किया जाना चाहिए। साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्था को भी दुरुस्त करने की जरूरत है। इसकी पूरी समीक्षा कर उन खामियों को दूर कर लेने का वक्त अभी है, जिनकी वजह से इस साल अप्रैल- मई में तबाही मची थी।
दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिसीसेज (एनआईसीडी) ने इसके कई मामले सामने आने की पुष्टि की है। संस्थान ने यह भी कहा है कि जिनोमिक विश्लेषण चल रहा है और संभव है कि और भी मामले सामने आएं। हांगकांग से बेल्जियम तक इस वैरिएंट से संक्रमित मरीज पहचाने जा चुके हैँ। विश्व स्वास्थ्य संगठन इ ने कहा है कि इसके सबसे शुरुआती सैंपल नवंबर में कई देशों में मिले। संगठन ने बताया कि वेरिएंट का दक्षिण अफ्रीका में पता लगाया गया। इस समय इसके 100 से भी कम पूरे जिनोम सीक्वेंस उपलब्ध हैं। अभी इसके बारे में और जानकारी हासिल करने में कुछ सप्ताह और लग जाएंगे। अभी इतना जाहिर हुआ है कि इस वेरिएंट में बहुत बड़ी संख्या में म्युटेशन हैं और इस वजह से इस वायरस का व्यवहार बदल सकता है। लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसके मौजूदा टीकों और दवाओं की प्रभाव के लिहाज से ये वैरिएंट किस प्रकार का है। नए वेरिएंट के मामले बोत्सवाना और हांगकांग में भी पाए जाने की खबर है। अफ्रीकी संघ के अफ्रीका सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने कहा है कि जो डेटा सामने आ रहा है, उसकी पड़ताल की जाएगी। बहरहाल, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे चिंता पैदा करने वाली श्रेणी में रखा है, जो जाहिर है कि मामला गंभीर है। सबको इसे उसी गंभीरता से लेना चाहिए।
नया इण्डिया