आजादी का अमृत महोत्सव
15 अगस्त, भारत का स्वतंत्रता दिवस….! हम ऐतिहासिक और खुशनसीब हैं कि आज़ादी की 75वीं सालगिरह मना रहे हैं
दिव्याहिमाचा।15 अगस्त, भारत का स्वतंत्रता दिवस….! हम ऐतिहासिक और खुशनसीब हैं कि आज़ादी की 75वीं सालगिरह मना रहे हैं। देश में 'अमृत महोत्सव' के समारोह मनाए जा रहे हैं और संकल्प ग्रहण किए जा रहे हैं। वह पीढ़ी कितनी सौभाग्यशाली होगी, जो भारत की आज़ादी के 100वें साल का मंजर देखेगी! विश्व शक्ति के रूप में गौरव और गर्व का एहसास करेगी और आगामी सदी के लक्ष्य तय करेगी। यकीनन इन 75 सालों में देश ने एक लंबा और पगडंडीनुमा सफर तय किया है। गरीबी, भूख, अकाल के थपेड़ों से जूझ कर आत्मनिर्भरता की दहलीज़ तक हम पहुंचे हैं। युद्धों के दंश और विभीषिकाएं भी झेली हैं, लेकिन भारत हमेशा बंद मुट्ठी की तरह एकजुट रहा है। यह हमारी राजनीतिक, सामाजिक, वैचारिक, आर्थिक और अस्तित्वमयी आज़ादी का दिन है। भारत आज स्वावलंबी है। सैन्य हथियार भी बनाने लगा है। अंतरिक्ष के लिए असंख्य उपग्रह बनाए हैं और दूसरे देशों के उपग्रह भी अंतरिक्ष में भेजे हैं। जो देश सुई तक नहीं बना सकता था, आज वह विमान भी बना रहा है। यह सब कुछ तभी संभव हो रहा है, जब हम बुनियादी तौर पर लोकतांत्रिक हैं। हम विश्व के सबसे विराट लोकतंत्र हैं। भारत की सामूहिक चेतना और सोच में लोकतंत्र बसा है। लोकतंत्र ही चुनाव और देश की सत्ता-सियासत की आधार-भूमि है। लोकतंत्र से ही सरकारें चुनी जाती हैं और सत्ता का सहज हस्तांतरण भी होता रहा है। भारत में अनेक भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं, लेकिन विविधता में एकता ने भी देश को एकसूत्र में बांधे रखा है।