चीन को सही सबक सिखाने के लिए मोदी सरकार का 'डिजिटल स्ट्राइक', सुरक्षा में खतरा 54 चाइनीज ऐप पर बैन

भारत अब तक करीब ढाई सौ चीनी एप प्रतिबंधित कर चुका है

Update: 2022-02-15 06:32 GMT
भारत ने 54 और चीनी एप पर पाबंदी लगाने का जो फैसला किया, वह इसलिए आवश्यक था, क्योंकि इनमें से कुछ पहले ही प्रतिबंधित कर दिए गए थे, लेकिन वे नाम बदल कर फिर से आ गए थे। चूंकि चीनी कंपनियां इस तरह का छल आगे भी कर सकती हैं इसलिए भारत सरकार को सतर्क रहना होगा। चीनी एप न केवल देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि उनमें से कुछ धोखाधड़ी का जरिया बनते हैं तो कुछ भारतीयों का डाटा चुराने का काम करते हैं।
भारत अब तक करीब ढाई सौ चीनी एप प्रतिबंधित कर चुका है। चीनी एप के खिलाफ भारत की ताजा कार्रवाई के बाद यह कहना कठिन है कि चीन की सेहत पर कोई खास असर पड़ेगा। इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि वह सीमा विवाद को लेकर अड़ियल रवैया अपनाए हुए है। उसके इसी अड़ियल रवैये का उल्लेख करते हुए गत दिवस मेलबर्न में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो टूक कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी गतिरोध का मूल कारण चीन द्वारा लिखित समझौतों का उल्लंघन करना है। आस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने यह कहने में भी कोई संकोच नहीं किया कि जब कोई बड़ा देश लिखित प्रतिबद्धताओं को धता बताता है, तब पूरे विश्व समुदाय के लिए चिंता पैदा करता है।
चीन एक अर्से से केवल भारत ही नहीं, बल्कि अन्य अनेक देशों के खिलाफ आक्रामक और अतिक्रमणकारी रवैया अपनाए हुए है। इसके अलावा वह जहां कई छोटे देशों को कर्ज के जाल में फंसाकर उन्हें एक तरह से अपना उपनिवेश बनाने में लगा हुआ है, वहीं पाकिस्तान को भारत के खिलाफ मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहा है। यह ठीक है कि भारत समेत अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान की भागीदारी वाला संगठन क्वाड चीन की आक्रामकता का संज्ञान लेने में लगा हुआ है, लेकिन उसकी हरकतों की निंदा करने मात्र से काम चलने वाला नहीं है।
इस संगठन को चीन की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने होंगे। इस क्रम में भारत को अपने स्तर पर कुछ अतिरिक्त प्रयास भी करने होंगे। इस मामले में सबसे पहला काम चीन पर आर्थिक निर्भरता कम करने का करना होगा। यद्यपि लद्दाख में चीनी सेना से खूनी झड़प और उसमें उसे सबक सिखाने के बाद भारत की ओर से ऐसे कई कदम उठाए गए, जिससे चीन पर आर्थिक निर्भरता कम हो, लेकिन अभी तक अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं।
दैनिक जागरण के सौजन्य से लेख 
Tags:    

Similar News

-->