मोदी सरकार ने नए कृषि कानूनों के जरिये देश के किसानों के हितों की दिशा में उठाया क्रांतिकारी कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुधारों पर बल देते हुए यह सही कहा कि पुराने पड़ चुके कानूनों के सहारे नई शताब्दी में नहीं चला जा सकता।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुधारों पर बल देते हुए यह सही कहा कि पुराने पड़ चुके कानूनों के सहारे नई शताब्दी में नहीं चला जा सकता। उनका यह कथन इसलिए अहम हो जाता है, क्योंकि इन दिनों नए कृषि कानूनों के विरोध में विभिन्न किसान संगठनों का एक आंदोलन जारी है और उसके तहत भारत बंद की भी तैयारी की जा रही है, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि किसानों का आंदोलन वस्तुत: किसानों का ही अहित करने वाला है। इसका संकेत विभिन्न किसान संगठनों की उन मांगों से मिलता है जो कुछ समय पहले की जा रही थीं। उनकी तब की मांगें आज के बिल्कुल उलट थीं। जो किसान संगठन किसानों को आढ़तियों के चंगुल से मुक्त कराने की जरूरत जता रहे थे वे आज यह कहने लगे हैं कि आढ़ती किसानों के हितों के रक्षक हैं। बात ऐसे किसान संगठनों की ही नहीं है।