दुराग्रही ट्विटर: भारत के नियम-कानूनों को मानने से इन्कार करने पर सरकार को उठाना पड़ रहा है सख्त रवैया
यदि भारत सरकार को इंटरनेट मीडिया ट्विटर को लेकर अपना रवैया सख्त करना पड़ रहा है तो इसके लिए यह सोशल नेटवर्क साइट ही जिम्मेदार है।
भूपेंद्र सिंह | यदि भारत सरकार को इंटरनेट मीडिया ट्विटर को लेकर अपना रवैया सख्त करना पड़ रहा है तो इसके लिए यह सोशल नेटवर्क साइट ही जिम्मेदार है। ट्विटर ने अंतिम चेतावनी जारी किए जाने के बाद भी जिस तरह सूचना एवं प्रौद्योगिकी संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने से इन्कार किया, उसके बाद भारत सरकार के पास इसके अलावा और कोई उपाय नहीं रह गया था कि वह उसके इंटरमीडियरी दर्जे को खत्म करने का फैसला करती। इस फैसले को लेकर केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह बिल्कुल सही कहा कि यदि कोई विदेशी कंपनी भारत में रहकर यहां के नियम मानने से इन्कार करती है तो इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। ट्विटर न केवल भारत के नियम-कानूनों को मानने से इन्कार कर रहा है, बल्कि खुद को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के झंडाबरदार के रूप में पेश करके भारत सरकार की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश भी कर रहा है। ट्विटर किस तरह शरारत पर उतर आया है, इसका उदाहरण है टूलकिट संबंधी भाजपा नेताओं के ट्वीट को छेड़छाड़ कर पेश की गई सामग्री के रूप में रेखांकित करना और गाजियाबाद की एक घटना से जुड़ी फर्जी खबर पर मौन साधे रहना। यह अच्छा हुआ कि उसकी इस हरकत पर उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई।